सिस्टम पर सवाल: प्रशासनिक स्तर भेदभाव आया सामने !
छपरा नगर निगम के 350 सफाई कर्मचारी बिना मास्क व ग्लब्स के उठा रहे हैं कचरा, इनकी सुरक्षा का कौन रखेगा ख्याल ?
छपरा(सारण)। कोरोना वायरस के संक्रमण से आम लोगों को बचाने को लेकर लॉकडाउन किया गया है। लॉकलाउन को सफल बनाने एवं कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से लोगों को बचाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कई निर्णय लिये जा रहे है। नगर निगम प्रशासन को हीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा को लेकर जागरूक करने की जिम्मेवारी दी गई है। लेकिन आश्चर्य कि बात है कि नगर निगम के माध्यम से शहर को साफ सुधरा का पुरा इंतजाम करने वाले सफाईकर्मी खुद ही असुरक्षित है। ये कर्मी बिना मास्क व ग्लब्स के ही कचरा उठाव कर रहे है। ऐसा लग रहा कि नगर निगम प्रशासन इन मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है। जो प्रशासन पर बड़ा ही यक्ष प्रश्न है। छपरा नगर निगम सफाई का कार्य करने वाले कारीब 350 को अभी तक न तो मास्क उपलब्ध कराया है और न ही ग्लब्स। लिहाजा हर रोज सफाई कर्मचारी मुहल्लों एवं गलियों में बिना मास्क के ही साफ-सफाई में जुटे हुए है। इसकी निगरानी अफसर भी नहीं कर पा रहे है। बता दें कि जिले के नगर निगम के अलावे छह नगर पंचायत है। जहां सफाई कर्मचारी कार्यरत है। ऐसे में सवाल उठता है कि इनकी सुरक्षा का ख्याल कौन रखेगा ? क्या नगर प्रशासन जानबुझकर इन सफाई कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है ? इस सवाल को समझने में आम लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।


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