राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

म्यांमार मे तख्तापलट के पीछे की क्या रही वजह, सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया?

म्यांमार मे तख्तापलट के पीछे की क्या रही वजह, सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया?

नेपीता, (एजेंसी)। म्यामां में सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने सोमवार सुबह इसकी घोषणा की। खबरों में कहा गया कि स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची को नजरबंजद कर लिया गया है और राजधानी में संचार के सभी माध्यम काट दिये गये हैं। नेपीता में फोन एवं इंटरनेट सेवा बंद है और सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने इन खबरों पर चिंता व्यक्त की है और म्यामां की सेना से कानून के शासन का सम्मान करने का अनुरोध किया है।

अमेरिका में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा कि वह और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन म्यामां के घटनाक्रमों से अवगत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को नजरअंदाज कर सेना के तख्तापलट की खबर से अमेरिका चिंतित है। यहां तक कि स्टेट काउंसर आंग सान सू ची एवं अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या लोकतांत्रिक तरीके से म्यामां में सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है। अगर इन कदमों को पलटा नहीं गया तो अमेरिका इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।’’ आॅस्ट्रेलिया की

विदेश मंत्री मारिसे पेने ने सू ची एवं हिरासत में बंद अन्य लोगों की रिहाई का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नवंबर 2020 में हुए आम चुनाव के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से देश की संसद नेशनल असेंबली के सत्र की शुरूआत का समर्थन करते हैं।’’ म्यामां के सांसद राजधानी नेपीता में संसद के पहले सत्र के लिए सोमवार को एकत्रित होने वाले थे। हालांकि सेना के हालिया बयानों से सैन्य तख्तापलट की आशंका दिख रही थी। आॅनलाइन समाचार पोर्टल ‘म्यामां नाउ’ ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि सू ची और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पोर्टल पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है। ‘म्यामां विजुअल टेलीविजन’ और ‘म्यामां वॉइस रेडियो’ ने सुबह करीब साढ़े छह बजे फेसबुक पर पोस्ट किया कि उनके कार्यक्रम नियमित प्रसारण के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

सू ची की पार्टी ने संसद के निचले और ऊपरी सदन की कुल 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी जो बहुमत के आंकड़े 322 से कहीं अधिक था, लेकिन वर्ष 2008 में सेना द्वारा तैयार किए गए संविधान के तहत कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीटें सेना को दी गयी हैं जो संवैधानिक बदलावों को रोकने के लिए काफी है। कई अहम मंत्री पदों को भी सैन्य नियुक्तियों के लिए सुरक्षित रखा गया है। सू ची (75) देश की सबसे अधिक प्रभावशाली नेता हैं और सैन्य शासन के खिलाफ दशकों तक चले अहिंसक संघर्ष के बाद वह देश की नेता बनीं। सेना ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया, हालांकि वह इसके सबूत देने में नाकाम रही। देश के स्टेट यूनियन इलेक्शन कमीशन ने पिछले सप्ताह सेना के आरोपों को खारिज कर दिया था। इन आरोपों से पिछले सप्ताह उस वक्त राजनीतिक तनाव पैदा हो गया, जब सेना के एक प्रवक्ता ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में सैन्य तख्तापलट की आशंका से इनकार नहीं किया। मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा था कि सेना ‘‘संविधान के मुताबिक कानून का पालन करेगी।’’

कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने भी बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कानूनों को सही तरीके से लागू नहीं किया गया तो संविधान को रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही देश के कई बड़े शहरों की सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों की तैनाती से सैन्य तख्तापलट की आशंका बढ़ गयी। हालांकि सेना ने शनिवार को तख्तापलट की धमकी देने की बात से इनकार किया और अज्ञात संगठनों एवं मीडिया पर उसके बारे में भ्रामक बातें फैलाने तथा जनरल की बातों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। सेना ने रविवार को भी अपनी बात दोहराते हुए तख्तापलट की आशंका को खारिज किया और इस बार उसने विदेशी दूतावासों पर सेना के बारे में भ्रामक बातें फैलाने का आरोप लगाया।

You may have missed