समय पर रोग की पहचान व समुचित इलाज से कैंसर से बचाव संभव
- विश्व कैंसर दिवस पर छह दिवसीय नि:शुल्क रोग परामर्श शिविर आयोजित
- बिहार में हर साल सामने आते हैं कैंसर के एक लाख मामले
अररिया। विश्व कैंसर दिवस के मौके पर जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया गया | शिविर में भाग लेते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कैंसर के कारण, लक्षण व इसके उपचार से संबंधित जानकारी आम लोगों को उपलब्ध कराते हुए उन्हें रोग की गंभीरता से अवगत कराया | सदर अस्पताल में आयोजित इस शिविर में डॉ डीएनपी साह, डॉ जीतेंद्र कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ राजेंद्र, डॉ अनामिका, डीपीएम रेहान असरफ, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, केअर के बीएम नीतीश कुमार, जीएनएम तृष्णा चक्रवती, सुनील कुमार, मो रिजवान, मुकेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे |
कैंसर रोग के होते हैं कई चरण:
शिविर को संबोधित करते हुए डॉ डीएनपी साह, डॉ राजेश, डॉ जीतेद्र प्रसाद सहित अन्य ने कहा कि कैंसर के कई चरण हैं | इसका पहला चरण सांकेतिक होता है| रोग के लक्षण इस चरण में उजागर हो चुके होते हैं| दूसरे चरण में बीमारी शरीर में अपनी जड़ जमा चुका होता है| तीसरे व चौथे चरण में यह रोग गंभीर रूप धारण कर चुका होता है| कैंसर से होने वाली अधिकांश मौत का कारण प्रारंभिक चरण में रोग की पहचान नहीं हो पाना है| पहले स्टेज में ही रोग की पहचान करते हुए इसका तत्काल इलाज आरंभ करने के लिये लोगों को प्रेरित करना इस शिविर का मुख्य उद्देश्य है|
शुरुआती दौर में रोग की पहचान जरूरी:
शिविर में रोग के संबंध में जानकारी देते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि प्रारंभिक चरण में रोग की पहचान इसके उपचार को आसान बनाता है| शुरुआती चरण में रोग की पहचान से संबंधित जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मुंह के अंदर किसी तरह के फोड़ा व जख्म का नहीं भरना, बलगम, पखाना, पेशाब मार्ग से खून का आना व जननांग में दुर्गंध की समस्या के साथ-साथ शरीर में किसी तरह तिल या गांठ का अप्रत्याशित रूप से बढ़ना, मुंह या जीभ पर सफेद दाग का आना कैंसर रोग के लक्षण हो सकते हैं| इस तरह का कोई भी लक्षण दिखने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थानों में इसकी जांच कराते हुए अपना इलाज शुरू कराना चाहिये|
बिहार में हर साल सामने आ रहे हैं एक लाख मरीज:
देश में केरल, मिजोरम, हरियाणा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित हैं| इस संबंध में जानकारी देते हुए डीपीएम रेहान असरफ ने कहा कि 2020 में कैंसर रोग पर किये गये एक सर्वे के मुताबिक देश की प्रति एक लाख आबादी पर 94 व्यक्ति कैंसर रोग से ग्रसित हैं| रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक 68 व्यक्ति में से एक व्यक्ति मुंह के कैंसर से प्रभावित हैं| 29 महिलाओं में एक ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हैं| बिहार के संदर्भ में बात करें तो यहां हर साल कैंसर के एक लाख मामले सामने आते हैं| इसमें से आधे लोग हर साल असमय मौत के शिकार होते हैं| बिहार में मुंह के कैंसर का मामला सबसे अधिक सामने आ रहा है| इसका एक मात्र कारण तंबाकु व धूम्रपान है| इसी तरह महिलाओं से सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं| उन्होंने कहा कि बिहार में आईजीआईएमएस, महावीर कैंसर रोग संस्थान, एम्स सहित कुछ अन्य प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थान हैं, जहां कैंसर रोग के समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध है|
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