संघर्ष समिति के आवाहन पर आयोजित चक्का जाम में भाकपा (माले) कार्यकर्ता सरक पर उतरे
- किसानी खेती को नीलाम करने वाली है यह तीनों कानून: माले
दरभंगा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आवाहन पर आज राष्ट्रीय चक्का जाम आंदोलन में भाकपा (माले), अखिल भारतीय किसान महासभा, मनरेगा मजदूर सभा, आइसा कार्यकर्ता ने जगह-जगह रोड जाम किया। इसी कड़ी में एमएच 57मब्बी में पप्पू पासवान, कोमल कांत यादव, विशाल माझी, कैलाश पासवान के नेतृत्व में, केवटी में धर्मेश यादव, सिंहवाड़ा में सुरेंद्र पासवान, देवेंद्र चौधरी, हनुमाननगर में पप्पू पासवान, सिया सरन पासवान, बहादुरपुर में नंद लाल ठाकुर, किसुन पासवान, देवेन्द्र कुमार, फैकला में दामोदर पासवान, जाले में ललन पासवान, बिरौलके मनोज यादव, बैद्यनाथ यादव, बहेड़ी में सत्यनारायण मुखिया के नेतृत्व में चक्का जाम किया गया। इस अवसर पर भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव में कहा कि आज किसान लगभग 75 दिनों से ठंडा, शीतलहरी को झेलते हुए दिल्ली के सड़को पर इस काला कानून के खिलाफ जमे हुए है। लेकिन सरकार आंदोलन को बदनाम करने में लगी है। उन्होंने कहा कि यह जो तीनों काला कानून है वो खेत-खेती किसानी को कॉरपोरेट के हाथों गुलाम बनाना चाहती है। लेकिन देश के मजदूर-किसान- छात्र- नौजवान सब इस काला कानून के खिलाफ एकजुट हो गए है। और इस काला कानून को उखाड़ फेकेंगे। उन्होंने बिहार सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर बिहार विधानसभा से इस काला कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास नही होता है। जनता विधानसभा समक्ष भी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। श्री यादव ने कहा कि आज का चक्का जाम सरकार को यह तीनों काला कानून को वापस लेने के लिए बाध्य करेगी। अगर सरकार इससे भी नही मानती है तो इस काला कानून के खिलाफ गाँव- गांव में किसानों के बीच अभियान चलाकर सरकार को कानून को वापस लेमे के लिए बाध्य करेगी। उन्होंने आज के चक्काजाम को सफल बताते हुए आम जनता से आवाहन किया कि देश को गुलाम बनाने से बचाने के लिए सभी लोगो को पुन: सरक पर उतरना होगा।


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