होमगार्ड जवानों को तीन माह से पारिश्रमिक भुगतान नहीं, 12 घंटे ड्यूटी करने को मजबूर
छपरा (सारण)। तीन माह से मानदेय नहीं मिलने से परेशान होमगार्ड मीडिया के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगायी है। गृह रक्षा वाहिनी जवानों का कहना है कि एक तो कोरोना संक्रमण, दूसरी तरफ ट्रैफिक में दस से बारह घंटे ड्यूटी बावजूद मानदेय के लिए कार्यालय से लेकर अपने संघ के नेताओं तक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। मगर कोई असर नहीं पड़ रहा है। कई बार शिकायत करने के बाद भी अफसरों ने कोई सुनवाई नहीं की है। होमगार्डों ने शीघ्र मानदेय दिलवाए जाने की मांग की है। छपरा नगर से ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहो पर ड्यूटी देते होमगार्ड के जवानो का जीवन अब बदतर होते जा रहा है। गुरूवार को होमगार्ड जवानों ने मीडिया के समक्ष अपना दर्द व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह के बाद उन्हें मानदेय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि शहर में प्रतिदिन बेतहाशा वाहनों की आवाजाही के बीच ट्रैफिक की ड्यूटी पूरी ईमानदारी से पूरी करते हैं। यही नहीं रूह कंपाने वाली ठंढ़ के बीच भी 12- 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। वहीं मानदेय नहीं मिलने के कारण उनके परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है। काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। होमगार्डों ने बताया कि परिवार के भरण-पोषण के लिए गांव के लोगों से वह उधार रुपये भी ले चुके हैं। सोचा मानदेय मिलेगा तो चुका देंगे। मानदेय को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों से वार्ता कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई। उच्चाधिकारी उन्हें जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर टरका देते हैं। कैमरे के सामने होमगार्ड ने अपना विरोध जताया तो वहीं होमगार्ड संघ के नेताओं ने भी विभाग को पत्र प्रेषित कर शीघ्र मानदेय दिलवाए जाने की बातें कही।


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