मशरक की प्रियंका सिंह ने जीता मिसेज इंडिया क्वीन साउथ का खिताब, बेंगलुरु में प्राचार्य के पद पर हैं कार्यरत
मशरक (सारण) कहा जाता है कि जुनून मनुष्य को सफलता की शीर्ष पर ले जता है। कुछ ऐसा ही जुनून मशरक थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव के बहु व अभिषेक सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह में भी है जो हजारों सुंदरियों को पछाड़ मिसेज इंडिया क्वीन साउथ का खिताब अपने नाम कर मशरक क्षेत्र सहित संपूर्ण जिला व प्रदेशवासियों का सर ऊंचा किया है। इसकी सूचना ब्राहिमपुर गांव में मिलते ही लोगों के चेहरे खिल उठे। परिजनों ने मिठाई बाट जश्न मनाया।
राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर, लॉ ग्रेजुएट और स्कूल प्रिंसिपल प्रियंका सिंह रोहतास के पूर्व जिला जज पारस नाथ राय (अब सेवा निवृत) की बेटी है। जो वर्तमान में सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव के बालेश्वर सिंह की बहु व अभिषेक सिंह की पत्नी है। तथा गत 12 वर्षों से स्कूलों में विभिन्न नेतृत्व क्षमता में काम किया है। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं। प्रियंका सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में योगदान देने के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लिया था। आरआईओ प्रोडक्शन टीम द्वारा बैंगलोर में आयोजित मिसेज इंडिया क्वीन साउथ 2021-22 प्रतियोगिता में का ताज जीतने के बाद प्रियंका सिंह ने ऐसा कहा कि कड़ी मेहनत, बुद्धिमत्ता और अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से कोई भी कुछ भी हासिल कर सकता है ।
बस जुनून होना चाहिए। रियो के सीईओ शंकर ने प्रियंका सिंह के उत्तर से बहुत प्रभावित थे। एक अन्य जज शिल्पी चौधरी (अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर) को प्रियंका का आत्मविश्वासपूर्ण रवैया और मंच पर उपस्थिति पसंद रही। प्रियंका का कहना है कि यह यात्रा आसान नहीं थी क्योंकि वह प्रिंसिपल हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा किया और दुनिया को दिखाया कि महिलाएं जो चाहे हासिल कर सकती हैं। प्रियंका सिंह का जन्म रोहतास के पूर्व जिला जज व जाने-माने न्यायिक और प्रगतिशील सोच के अधिकारी पारस नाथ राय और पुष्पा राय की पहली संतान के रूप में हुआ था।
जो वर्तमान में सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के बालेश्वर सिंह की बहु व अभिषेक सिंह की पत्नी है। कहती है कि वे करियर के रूप में शिक्षा जा क्षेत्र इस लिए चुना कि वह छोटे दिमागों को विकसित करने में मदद कर सकती है। वह मानती है कि उपलब्धि के लिए कोई जादू नहीं है। यह वास्तव में कड़ी मेहनत, विकल्पों और दृढ़ता के बारे में है। भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रियंका सिंह ने कहा कि वह उन बच्चों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहती है, जो वित्तीय समस्या के लिए इसे आसानी से वहन नहीं कर सकते। लेकिन सबसे पहले उन्हें महिला शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए काम करना होगा।
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