एमएलसी केदार पांंडेय ने राजेन्द्र कॉलेज के प्राचार्य सहित 16 प्राध्यापकों के निलंबन की कार्रवाई पर आश्चर्य व चिंता जताई
छपरा (सारण)। केदारनाथ पांडेय, सदस्य, बिहार विधान परिषद सह अध्यक्ष, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने एक बयान में राजेन्द्र कॉलेज, छपरा के प्राचार्य, प्रो. प्रमेन्द्र रंजन सहित 16 प्राध्यापकों के निलंबन की कार्रवाई पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की है। बयान में कहा गया है कि एक साथ इतने प्राध्यापकों के निलंबन से राजेंद्र कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण महाविद्यालय के कई विभाग न केवल बंद हो गए हैं। बल्कि राजभवन और जयप्रकाश विश्वविद्यालय की निरंकुशता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है। प्रो. प्रमेन्द्र रंजन के राजेन्द्र कॉलेज में प्राचार्य के पद पर नियुक्ति से जहां एक सकारात्मक संदेश गया था और सारण के लोगोँ में एक विश्वास का भाव पैदा हुआ था कि राजभवन और विश्वविद्यालय प्रो. रंजन जैसे शिक्षाविद, कर्मठ और ईमानदार प्राचार्य के माध्यम से महाविद्यालय की बदहाल स्थिति को सुधारना चाहता है। सचमुच थोड़े ही दिनों में वहां सुधार और विकाश दिखाई भी देने लगा था। किंतु अनावश्यक रूप से एक छोटी सी घटना को तूल देकर जिसे कुछ मीडिया ने लाभ लोभ से वशीभूत होकर प्रचारित किया। शिक्षकों के निलंबन की यह प्रक्रिया अफसोस जनक है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। एमएलसी श्री पांंडेय ने कहा कि मैं महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति तथा कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से आग्रह करना चाहता हूँ कि शिक्षकों को इतना अपमानित और प्रताड़ित करने की कार्यवाई न कि जाए। जनहित और छात्रहित में अविलंब निलंबन आदेश वापस लिया जाए। इसके लिए चेतावनी ही काफी हो सकती है। क्योंकि जिस घटना को आधार बनाया गया है, वह तो कार्यक्रम के बाद कि घटना है। वह भी कोई ऐसी घटना नहीं है, जिसके लिए पूरे महाविद्यालय के कई विभागों में पठन पाठन ही बंद करा दिया जाए।
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