दिल्ली, एजेंसी। इन दिनों जब भारत में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान सुर्खियों में है, केरल और महाराष्ट्र से चिंताजनक खबरें आ रही हैं। देश के कुल सक्रिय मामलों में से 74.72 फीसदी मामले इन्हीं दो राज्यों में हैं। इस बीच, बंगलूरू में कोविड-19 के नए क्लस्टर सामने आए हैं। बेचैन करने वाली खबर यह भी है कि भारत में सार्स-कोव-2 के नए स्ट्रेन मिलने की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हफ्ते इस बात की पुष्टि की है कि देश में दक्षिण अफ्रीका से सार्स-कोव-2 वैरिएंट स्ट्रेन के चार मामले और ब्राजील वैरिएंट के एक मामले का पता चला है। भारत में अब तक ब्रिटेन के वैरिएंट के 187 मामले सामने आए हैं। सार्स-कोव-2 के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट, जो 44 देशों में फैल चुका है, भारत में भी प्रवेश कर चुका है।
पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका से लौटे चार अलग-अलग लोगों में इस स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें अंगोला (एक), तंजानिया (एक) और दक्षिण अफ्रीका (दो) से लौटे लोग शामिल हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि सभी यात्रियों का परीक्षण किया गया, उन्हें क्वारंटीन किया गया और आईसीएमआर-एनआईवी दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। इस महीने की शुरूआत में, ब्राजीलियाई वैरिएंट का एक मामला, जो जनवरी की शुरूआत में उस देश में स्वतंत्र रूप से उभरा था, भारत में पाया गया था।
भार्गव कहते हैं, इस वैरिएंट ने संक्रमित व्यक्ति के शरीर के वायरस वाले मुख्य स्थल में म्यूटेशन (आनुवांशिक बदलाव) देखा गया है और संक्रमणशीलता में वृद्धि के कारण यह अब तक 15 देशों में फैल चुका है। भारत ने फरवरी के पहले हफ्ते में ब्राजील से लौटे एक व्यक्ति में इस वैरिएंट स्ट्रेन के एक मामले की पुष्टि की है। उस यात्री और उसके संपर्क में आने वाले लोगों का परीक्षण करके क्वारंटीन किया गया है। वायरस के स्ट्रेन को सफलतापूर्वक आईसीएमआर-एनआईवी, पुणे में अलग-थलग किया जा चुका है और टीके की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए प्रयोग चल रहे हैं। सितंबर, 2020 में सामने आया ब्रिटेन का स्ट्रेन अब तक भारत सहित 86 देशों में फैल चुका है। सरकार का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से भारत आने वाली उड़ानों को खाड़ी देशों से होकर निकाला जाता है और इसलिए कोई सीधी उड़ान नहीं है और इन देशों के यात्रियों की जांच करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
भारत के कुछ हिस्सों में नए संक्रमणों की संख्या क्यों बढ़ रही है? इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में मुंबई, अमरावती, परभणी, नांदुरबर, यवतमाल, भंडारा, सतारा, रत्नागिरी, अकोला और विदर्भ के कुछ जिलों में पिछले कुछ हफ्तों में पॉजिटिव दर में वृद्धि के रूप में संक्रमण में वृद्धि देखी गई है। मुंबई में आम जनता के लिए लोकल ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है, जिसे कोविड-19 मामले बढ़ने का संभावित कारण बताया जा रहा है। मुंबई के मेयर ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार हाल में नए मामलों में वृद्धि के मद्देनजर दूसरी बार तालाबंदी कर सकती है।
महाराष्ट्र के राज्य महामारी विज्ञान सेल ने प्रतिदिन कम से कम पांच प्रतिशत आरटी-पीसीआर पॉजिटिव कोविड-19 मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग (जीनोम में डीएनए न्यूक्लियोटाइड्स के क्रम का पता लगाना) करने का निर्णय लिया है। इससे सार्स-कोव-2 में वायरल म्यूटेशन की जांच के लिए प्रत्येक दिन जीनोम सीक्वेंसिंग के 50-70 नमूनों की जांच की जाएगी। कई विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में आवाजाही पर प्रतिबंध हटाने से नए मामलों में वृद्धि देखी गई है। केरल भी घनी आबादी वाला राज्य है और फिर जनसांख्यिकी का भी मामला है, जहां राज्य की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मोटापे का शिकार है।
आखिर इन सबका हमारे लिए क्या मायने हैं? भारत के दो राज्यों में नए कोविड-19 मामलों में वृद्धि के साथ-साथ भारत की धरती पर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के प्रवेश का एक महत्वपूर्ण संदेश है-भारत को सतर्क रहना चाहिए; महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और सभी सावधानियां, जैसे मास्क पहनना, साबुन से हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना चाहिए। इसका एक अर्थ यह भी है कि चूंकि हम नहीं जानते हैं कि कहां, और किस हद तक इस देश में इसके लिए मौजूद टीके प्रतिरक्षा प्रदान करेंगे, इसलिए हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते। हमें वायरस के प्रसार पथ का पता लगाना चाहिए और यह केवल परीक्षण के माध्यम से किया जा सकता है।
अशोका विश्वविद्यालय में अध्यापक एवं रोग मॉडलिंग के विशेषज्ञ प्रोफेसर गौतम मेनन कहते हैं, हालांकि देश के कुछ हिस्सों, जैसे केरल और महाराष्ट्र में नए कोविड संक्रमण में वृद्धि गहन चर्चा का विषय रहा है, लेकिन अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि इसके लिए नए वैरिएंट जिम्मेदार हैं या नहीं। मेनन कहते हैं, यह चिंताजनक होगा, यदि केरल और महाराष्ट्र में कोविड-19 मामलों में वृद्धि का अंतर्निहित कारण नया वैरिएंट है, क्योंकि तब शेष भारत में जल्दी कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जाएगी। लेकिन मेनन जोर देकर कहते हैं कि जैसे केरल में अब भी कोविड के सक्रिय मामले ज्यादा हैं, लेकिन ‘हम नहीं जानते कि इसके पीछे क्या कारण हैं।’ वह आगे कहते हैं कि ‘तेजी से फैलते इन वैरिएंट की जांच के महत्व पर ध्यान देना अच्छा हो सकता है, जिसके लिए हमें विशेष रूप से परीक्षण करने की आवश्यकता है।’ इन तमाम अनिश्चितताओं में कोई व्यक्ति कैसे धैर्य रख सकता है, क्योंकि भारत के कुछ हिस्सों में नए संक्रमण के मामले में तेजी दिख रही है और नए स्ट्रेन के उभार से बेचैनी बढ़ रही है? इसका एकमात्र उपाय है-टीके के लिए अपनी बारी का इंतजार करें। तब तक हर तरह की सावधानियां बरतें। परीक्षण और संपर्क का पता लगाना हमेशा की तरह ही महत्वपूर्ण है।
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