राष्ट्रनायक न्यूज

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मशरक: खुद के अपने घर दुरुस्त नहीं, तो कैसे दूर करेंगे अन्य ग्रामीणों की परेशानी

पंकज कुमार सिंह की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

मशरक (सारण)। सूबे की विकास की दंभ भरने वाली सरकार विकास के वायदे और कार्य योजनाओं को अमली जामा पहनाने की कवायद में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वहीं,वह अपने प्रखंड कार्यालय और परिसर में बने आवासीय भवन की बदहाली इलाके में विकास की योजनाओं की जमीनी सच्चाई उजागर कर रही है। वहीं जिस पर है प्रखंड के विकास की जिम्मेवारी हैं, वे खुद बाजार क्षेत्र के निजी भवन में अपना आशियाना बनाये हुए है। प्रखंड कार्यालय के कैंपस के अंदर दशकों पहले खंडहर में तब्दील इन भवनों को उद्धार करने वाला कोई नहीं है। कभी इन भवनों में बीडीओ से लेकर प्रखंड के सभी कर्मचारी सपरिवार रहते थे,लेकिन रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे भवन खंडहर में तब्दील हो गया।इन सरकारी भवनों में चल रहे कार्यालय में चल रहें प्रखंड कार्यालय में काम करना मौत को दावत देने के समान है।जानकारी के अनुसार दशकों पूर्व यह प्रखंड अपने स्वरूप के लिए बेहतर था जो भी आता था वह इसकी सुन्दरता और रखरखाव को बड़ाई करता था। प्रखंड कार्यालय के अपने भवन की दुर्दशा तों सुधारना छोड़िए इस विभाग का अपना कोई सभागार भी नही हैं जब भी कोई बैठक या कार्यक्रम आयोजित करना हो तों मनरेगा भवन के कार्यालय में ही आयोजित किया जाता है। कर्मचारी बताते हैं कि कार्यालय तथा अधिकारियों के आवास की मरम्मत वर्षों पहले तक होती रहतीं थी तब तक रहने के लिए उपयोग किया जा रहा था जब आवासीय परिसर खंडहरों में तब्दील हो गए तों बाजार क्षेत्र के निजी मकानों में रहने को मजबूर हो गए।वही प्रखंड कार्यालय का बिल्डिंग की मरम्मत के अभाव में किसी तरह कर्मचारी जान जोखिम में डालकर उसका उपयोग कर रहे है।छत से सीमेंट की चट्टानें टूटकर गिर रही है पर अधिकारी उस पर ध्यान नहीं दे रहें हैं।कुछ महीनों पहले उप समाहर्ता ने औचक निरीक्षण के दौरान बीडीओ मशरक को हिदायत दी की छतों और बिल्डिंग के टूटे हिस्से का अविलंब मरम्मत कराए और दरवाज़े और खिड़कियों पर पर्दे लगवाएं जिससे कर्मचारियों को ठंड और गर्मी के दिनों में धूल से बचाव हो पर मामला जस का तस पड़ा हुआ है। वही बगल में सीओ का कार्यालय ठीक है।वही आवासीय खंडहरों में तों आज सांप बिच्छू का बसेरा हो गया है।

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