संजय पाण्डेय की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। जय प्रकाश विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारूक अली से भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांत सह मंत्री विश्वजीत सिंह चंदेल मिले तथा भारतीय शिक्षण मंडल के तरफ से एक पत्र दिए। मालूम हो कि नीति आयोग के निर्देशानुसार भारतीय शिक्षण मंडल के द्वारा पूरे देश में प्रत्येक जिले एवं विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति को लेकर सेमिनार/ वेबीनार कराए जा रहे हैं। सब जगह इसका सकारात्मक स्वरूप सामने आ रहा है। जयप्रकाश विश्विद्यालय में भी वेबीनार कराने को लेकर कुलपति से विस्तार पूर्वक चर्चा हुआ। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मैं शिक्षक की भूमिका विषय पर जे पी यू में होगा वेबीनार इसपर सहमति बनी।
प्रान्त सह मंत्री श्री चंदेल ने कुलपति से मिलने के बाद कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए भारत को विश्व के अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल करने के उद्देश्य से 21वीं सदी के भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिये 1986 से चल रहे भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव कर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किया है। उसका क्रियान्वयन सफल तरीके से होगा तो भारतीय शिक्षा व्यवस्था नए मुकाम तक पहुंचेगी। इस संबंध में लोगों की जिज्ञासा तथा नई शिक्षा प्रणाली को लागू करने में शिक्षकों की भूमिका स्पष्ट करने के लिए नीति आयोग द्वारा सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में सेमिनार एवं विश्वविद्यालयों में वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। इसकी जिम्मेवारी भारतीय शिक्षण मंडल के कार्यकर्ताओं को दी गई है। बदलते वैश्विक परिदृश्य में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिये मौजूदा शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता थी।
शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने, भारतीय शिक्षण व्यवस्था की वैश्विक स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करने तथा शिक्षा के वैश्विक मानकों को अपनाने के लिये शिक्षा नीति में परिवर्तन की आवश्यकता थी। 34 वर्षों के बाद लागू इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना तथा लक्ष्य है 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए नीति आयोग द्वारा कार्य योजना तैयार कर सेमिनार एवं वेबिनार कराये जा रहे हैं। जिसमें चिन्हित किए गए सरकारी एवं निजी विद्यालय प्रधान के अलावा शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। शिक्षा नीति के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। इस चर्चा के बाद शिक्षा नीति को लेकर लोगों के मन में चर्चाओं का समाधान होकर शिक्षा का समग्र उत्थान होगा। सेमिनार में सभी लोग जानेंगे कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नति का उद्देश्य क्या है। इससे हमारे शिक्षा व्यवस्था में क्या-क्या बड़ा बदला होगा कि भारत वैश्विक शिक्षा व्यवस्था में अग्रणी स्थान बना सकेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति उन उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होगी, जिसका सपना महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद ने देखा था।


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