कोरोना लॉकडाउन: प्रवासी 50 हजार लोगों के खाते में भेजे गए एक-एक हजार
छपरा(सारण)। कोरोना लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में रह रहे बिहार के करीब 50 हजार लोगों के बैंक खाते में आपदा राहत के एक-एक हजार रुपये भेजे गए हैं। लॉकडाउन में फंसे जिले के कुल 55 हजार 118 लोगों ने राज्य सरकार के आपदा राहत एप पर सहायता के लिए आवेदन किया था। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए सूची के आधार पर जिला प्रशासन ने इनमें 52 हजार 730 का सत्यापन कर विभाग को अग्रसारित कर दिया। आवेदन जांच और सत्यापन के बाद राज्य सरकार ने उनके बैंक खाते में एक-एक हजार रुपये भेज दिया। इनके खाते में करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपये की सहायता दी गई है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग शेष बचे आवेदनों की जांच एवं सत्यापन के कार्य में जुटा है। मालूम हो कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग अपने काम के सिलसिले में दूसरे प्रदेशों में रहते हैं। इनमें अधिकांश फैक्ट्री मजदूर और छोटे-मोटे रोजगार करने वाले लोग हैं। लॉकडाउन के कारण उनके काम-धंधे बंद हो गए हैं, जिससे उनके समक्ष खाने-पीने की समस्या हो गई है। मीडिया सेल प्रदेश सूचना प्रभारी ने बताया कि राज्य सरकार ने तत्काल एक-एक हजार रुपये दिए हैं। स्थानीय तौर पर राहत सामग्री की व्यवस्था कराई जा रही है।
इन राज्यों में अधिक है दिल्ली, मुंबई, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, बंगाल प्रवासी मजदूर
जिले के अधिकांश लोग दिल्ली, मुंबई, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, बंगाल आदि राज्यों में रह रहे हैं। इधर गांव में रह रहे उनके परिवार को राहत के रूप में तीन महीने का मुफ्त राशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अग्रिम भुगतान के साथ सभी कार्ड धारियों को खाते में एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
खैनी-गुटखा खाकर जहां-तहां थूका तो 6 महीने की जेल
सार्वजनिक जगहों पर पान मसाला, खैनी, जर्दा, गुटखा आदि खाकर थूकने पर 6 महीने की जेल हो सकती है। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा, गुटखा खाकर यत्र-तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पान मसाला में मैग्निसियम कार्बोनेट निकोटिन पाए जाने के कारण पिछले अगस्त महीने से ही 15 ब्रांड के पान मसाला के विनिर्माण, भंडारण एवं बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिले में सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों एवं परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
थूकने से कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू बीमारी फैलने का होता है संकेत
स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। इसके लिए भारतीय दंड विधान की धारा 268 एवं 269 के तहत दंड का प्रावधान है। छह माह का कारावास एवं 200 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा