राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार पंचायत चुनाव के लिए चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। दरअसल इन दिनों थाने में चरित्र सत्यापन के लिए चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों की भीड़ उमड़ रही थी। लोगों को किसी भी गलतफहमी से बचाने के लिए आयोग ने ये निर्देश जारी किया है।
इसके अलावा पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी करते हुए भ्रष्टाचार सहित 11 मामलों से जुड़े लोगों को चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जिसे भारत या बाहर राजनीतिक अपराध के अलावा अन्य अपराध के लिए छह महीने या उससे ज्यादा की सजा हो चुकी हो उसको भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना गया है। निर्वाचन आयोग के निदेर्शों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है या चुनाव संबंधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया है तो उसे भी चुनाव लड़ने से बाहर रखा गया है। आयोग के नए गाइडलाइन के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त कई लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इसके अलावा पंचायत चुनाव में अगर कोई केंद्र या बिहार सरकार या स्थानीय प्राधिकार से सहायता प्राप्त संस्था में काम करने वाले हों या फिर कदाचार के कारण सेवा से मुक्त कर दिए गए हों तो ऐसे लोग पंचायत चुनाव नही लड़ सकेंगे। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति लोक सेवाओं में नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकेगा। वहीं आयोग ने यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति 21 साल से कम उम्र का है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता है। साथ ही कोई व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार या किसी भी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में हो तो उसे भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
पंचायत चुनाव में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए उन अपराधियों को चिह्नित किया जा रहा है जिनके खिलाफ सीसीए प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा सके। पहले के चुनाव और सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल रहे अपराधियों को चिह्नित किया जा रहा है। एक प्रशासनिक पदाधिकारी ने बताया कि सीसीए तीन और सीसीए 12 के तहत प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। वैसे अपराधियों पर खास ध्यान दिया जायेगा जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने भी जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने सारण प्रमंडल के सभी जिलों के डीएम-एसपी को निर्देश दिया है कि चुनाव में हुई घटनाओं और साम्प्रदायिक घटनाओं में शामिल रहे अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जाये और उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाये। यह भी कहा गया है कि चुनाव से संबंधित लंबित मामले का जल्दी निष्पादन किया जाये। पंचायत चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो, इसके लिए पूरी तैयारी करने पर भी बल दिया गया है। संवेदनशील बूथों को चिह्नित कर वहां विशेष सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा गया है।
पंचायत चुनाव इस बार कई मायनों में खास होने वाला है। बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम से चुनाव होने जा रहे हैं। पहली बार इस बार के पंचायत चुनाव में चरणवार आदर्श आचार संहिता लागू होगी। प्रदेश में 10 चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव में जिस चरण में जिन जिलों में चुनाव होगा उस चरण में केवल उन्हीं जिलों में मॉडल कोड आॅफ कंडक्ट यानी आदर्श आचार संहिता लागू होगी। दरअसल चुनावी आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में लंबे समय तक रोक न लगे इसी कोशिश को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्लान तैयार किया है। इससे पहले के पंचायत चुनाव में एक साथ पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती थी।
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