नई दिल्ली, (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं तो कई दाखिल होती हैं। लेकिन एक ऐसी जनहित याचिका इन दिनों सुर्खियों में है। कुरान की 26 आयतों को हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को आतंक हिमायती बताते हुए उन्हें कुरान से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।
वहीं इसके जवाब में मुंबई की रजा अकादमी ने भी कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें वसीम रिजवी की दायर याचिका को खारिज करने की मांग की गई है। अकादमी ने रिजवी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या है वसीम रिजवी की याचिका में?
वसीम रिजवी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कुरान की 26 आयतों को कथित तौर पर तीन खलिफाओं (अबू बक्र, उमर और उस्मान) ने कुरान में शामिल किया था। रिजवी के मुताबिक यहां खलिफाओं का उद्देश्य अपनी ताकत को बढ़ाने का था। रिजवी ने यह आरोप भी लगाया कि इन आयतों से हिंसा को उकसावा मिलता है और लोग जिहाद की तरफ बढ़ावा मिलता है।
नाराज हुए मुस्लिम धर्मगुरु: आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना महमूद दरियाबादी ने कहा कि कुरान का एक भी शब्द पिछली 14 सदियों में नहीं बदला गया है। सुप्रीम कोर्ट को जनहित याचिका को तुरंत खारिज कर देना चाहिए। कुरान की कोई भी आयत लोगों को हिंसा के लिए उकसाती नहीं है। एक्टिविस्ट अब्बास काजमी ने कहा कि वसीम रिजवी ने शिया और सुन्नियों के बीच दरार पैदा करने के लिए ऐसा किया है। किसी भी शिया ने कभी नहीं कहा कि कुरान में कोई प्रक्षेप था। शियाने हैदर-ए कर्रार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसनैन जाफरी डंपी ने वसीम रिजवी का सिर काटकर लाने वाले को 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
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