- सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में आकर कार्रवाई करने वाले पुलिस पदाधिकारी को बर्खास्त करने के लिए आंदोलन करेंगे दलित नेता
अरूण विद्राही की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। जिले के मसरक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में गत 11 मार्च को बंध्याकरण का आॅपरेशन के दौरान अनुसूचित जाति समुदाय के महिला की मौत हो गई। जिस पर आक्रोशित लोगों ने चिकित्सक की लापरवाही का आरोप लगाते हुए शनिवार को रोड जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। इसकी सूचना पर पहुंचे भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष चंदन चमार व मानव आर्मी के संस्थापक वीर आदित्य को हिरासत में लेकर रविवार को जेल भेज दिया गया। वहीं भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के गिरफ्तार होने की सूचना पर अंबेडकर रविदास महासंघ, डॉ. बीआर अंबेडकर लोक शक्ति परिषद सहित जिले के अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। संघ के वरीय नेताओं ने न्यायालय परिसर में पहुंच कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि सत्ताधारी दल के सामंती प्रवृत्ति के नेताओं के दबाव में आकर मढ़ौरा डीएसपी इन्द्रजीत बैठा के इशारे पर मसरक पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को पुलिस निष्पक्ष जांच कर बरी करें, अन्यथा व्यापक आंदोलन किया जाएगा। कहा कि पुलिस ने सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर जिले में समाजिक सद्भाव बिगाड़ने का कार्य किया है। ऐसे पुलिस पदाधिकारी को नौकरी में नहीं होना चाहिए। कहा कि पुलिस पदाधिकारियों को बर्खास्त करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज़ बुलंद किया जाएगा। दलित नेताओं ने कहा कि सरकार से मढ़ौरा डीएसपी व मसरक थानेदार को यथाशीर्घ निलंबित करते हुए तबादला कर आरोप पत्र गठित कर जांच करने की मांग किया है। वहीं सत्ताधारी दल के सामंती नेताओं पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए पुलिस को उकसाने वाले पर कार्रवाई करने की मांग किया है। इस मौके पर अधिवक्ता रामराज राम, अमरनाथ राम, शिवनाथ राम रामलाल राम, ललन राम सहित दर्जनों दलित नेता उपस्थित थें।
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