राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

टीबी जैसी बीमारी से मुक्ति के लिए हम सभी की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण

  • इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए दी जाती है सहायता राशि
  • सभी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी मरीजों का नि:शुल्क उपचार
  • पोषक क्षेत्रों में जागरूकता के लिए सेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

पूर्णिया (बिहार)। पूर्णिया सहित देश से टीबी जैसी गंभीर बीमारी से मुक्ति दिलाने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की मजबूत इकाई होती है। वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसको लेकर केंद्र सरकार विभिन्न योजनाएं बनाकर उन पर गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है। योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में स्थानीय स्तर पर प्रखंड स्तरीय प्रखण्ड प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, केयर इंडिया, डब्ल्यू एचओ, स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ ही आईसीडीएस से जुड़ी हुई महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से “टीबी हारेगा-देश जीतेगा” स्लोगन के साथ अभियान चलाया जा रहा हैं। टीबी मुक्त अभियान को लेकर जलालगढ़ प्रखण्ड मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित एक कार्यशाला में प्रमुख जय प्रकाश मंडल, सीडीपीओ रूबी कुमारी, बीएचएम उष्मान गनी, बीसीएम कंचन कुमारी, केयर इंडिया के बीएम तपस्विनी बिदिका, डब्ल्यूएचओ के कुमुद चौधरी, जीविका के बीपीएम संत कुमार, एसटीएस मुकेश कुमार, राकेश कुमार सिंह, एलटी कासिफ रजा, महिला पर्यवेक्षिका, सीफ़ार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र रस्तोगी, आशा कार्यकर्ता व टीबी चैंपियन सहित कई अन्य उपस्थित थे।

फेफड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी का नाम टीबी: आलोक पटनायक

केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक ने कहा टीबी एक संक्रामक रोग है, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करने वाली यह एक संक्रमित बीमारी है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने एवं थूकने से फैलती है। दो सप्ताह या इससे अधिक समय तक खांसी, बलगम और बुखार, बलगम या थूक के साथ खून का आना, छाती में दर्द की शिकायत, भूख कम लगना, वजन में कमी आना आदि इसके लक्षण हैं। अगर किसी भी व्यक्ति में यह लक्षण पाए जाएं तो सही समय पर उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर बलगम की जांच करानी चाहिए जो कि बिल्कुल निःशुल्क किया जाता है

इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए दी जाती है सहायता राशि: बीडीओ

एक दिवसीय कार्यशाला में प्रखंड विकास पदाधिकारी मोनालिसा प्रियदर्शिनी ने कहा टीबी के मरीजों को इलाज के लिए खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकिं सरकार के द्वारा सहायता राशि दी जाती है। चिह्नित टीबी के मरीजों को उपचार के दौरान उनके बेहतर पोषण के लिए प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि भी दी जाती है।

सभी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी मरीजों का नि:शुल्क उपचार: डॉ तनवीर

जलालगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी डॉ तनवीर हैदर ने बताया टीबी संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद किसी रोगी को घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि, लक्षण दिखते ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए। क्योंकिं यह एक सामान्य सी बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

पोषक क्षेत्रों में जागरूकता के लिए सेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण: सीडीपीओ

सीडीपीओ रूबी कुमारी ने कहा क्षेत्र की सभी महिला पर्यवेक्षिकाओ एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को मीटिंग के दौरान बताया जा चुका है कि अपने-अपने पोषण क्षेत्रों में टीबी संक्रमण की शिकायत मिलने पर आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से प्रखंड स्तर पर कार्यरत सरकारी अस्पतालों में भेजने का काम करेंगी। साथ ही जागरूकता के लिए पोस्टर एवं हैंडबिल के द्वारा लोगों को जागरूक करना है।