नई दिल्ली, (एजेंसी)। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी धारकों को बीमा नियामक और प्राधिकरण इरडा से बड़ी राहत मिली है। बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में लाभों को संशोधित या जोड़ने से रोक लगाने का निर्देश दिया है। यानी, बीमा कंपनियां अपनी मर्जी से पॉलिसी में बड़ा बदलाव नहीं कर पाएंगी। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि इरडा ने यह कदम बीमा धारकों को प्रीमियम का बोझ कम करने के लिए उठाया है। इसके बाद बीमा कंपनियां अपनी मर्जी से प्रीमियम नहीं बढ़ा पाएंगी।
दरअसल, बीमा कंपनियां प्रीमियम बढ़ाने के लिए मौजूदा पॉलिसी में संशोधन या नए लाभ जोड़ने के हथकंडे का इस्तेमाल अभी तक करती रही है। कंपनियां मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में मिल रहे लाभों को संशोधित कर या कुछ नए लाभ जोड़ कर प्रीमियम बढ़ा देती है। बीमा धारक कंपनी के इस फैसले के खिलाफ कुछ नहीं कर पाता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इरडा ने बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा की विभिन्न श्रेणियों के लिए एड-ऑन राइडर लाने का निर्देश दिया है। इसके तहत जनरल और स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां पहले से चली आ रही पॉलिसी में बड़ा बदलाव नहीं कर पाएंगी। हालांकि, यह जरूर कहा गया है कि उनको अपनी पॉलिसी में मामूली बदलाव करने की अनुमति मिलेगी जैसा कि स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय में उत्पाद फाइलिंग के दिशानिर्देश में निर्धारित किया गया है। नए लाभों को जोड़ने/ मौजूदा लाभों में सुधार करने के लिए बीमा कंपनियां एक तय प्रीमियम पर एड-ऑन कवर का विकल्प बीमा धारकों के सामान पेश कर सकती हैं। उसको खरीदने का अधिकार बीमा धारक के पास होगा कि वह एड-ऑन लेना चाहता है या नहीं।
बीमा खरीदारों के लिए एक स्वतंत्र उपभोक्ता जागरूकता मंच, बेशक.ओआरजी के संस्थापक महावीर चोपड़ा ने बताया कि बीमा कंपनियां पहले से मौजूद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में अतरिक्त लाभ नहीं जोड़ पाएंगी। यानी प्रीमियम में बढ़ोतरी नहीं होगी। उनको अलग से एड-आॅन कवर के तहत लाभ देने का विकल्प मिलेगा। हालांकि, इसको लेने का अधिकार स्वेच्छा से बीमा धारक के पास होगा। इस निर्देश के बाद कोई भी बीमा कंपनी स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में एक साल के अंदर कोई बदलाव नहीं कर पाएगी।
ऑनलाइन बीमा एग्रीगेटर, पॉलिसीएक्स.कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नवल गोयल ने कहा कि नई गाइडलाइन का उद्देश्य नई सुविधाओं के मामले में पॉलिसीधारकों के अधिकारों के हितों की रक्षा करना है। अभी तक बीमा कंपनियां पॉलिसी के नवीकरण के समय प्रीमियम में काफी बढ़ोतरी कर देती थी जिससे बीमा धारक पर अप्रत्याशित वित्तीय बोझ बढ़ जाता था। इरडा के इस कदम से बीमा धारक के पास नई सुविधा लेने या नहीं लेने का विकल्प होगा। इससे उसपर प्रीमियम का बोझ नहीं बढ़ेगा। कुल मिलाकर यह बीमा धारकों के लिए एक बेहतरीन कदम है।


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