नई दिल्ली, (एजेंसी)। आमतौर पर जब हम नई कार खरीदने जाते हैं तो वाहन डीलर के शोरूम में बैठे हुए बैंक से लोन लेते हैं। यह हर किसी के लिए आसान भी होता है कि क्योंकि बैंक के चक्कर नहीं लगाने होते हैं और एक ही छत के नीचे सारा काम हो जाता है। वहीं, इसका एक दूसरा नुकसान यह भी है कि आपके लोन की एवज में अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है क्योंकि शोरूम में बैठे बैंक को डीलर को कमीशन भी देना होता है। इसलिए लोन लेने से पहले आॅनलाइन रिसर्च करें और उसके बाद शोरूम में बैठे बैंक के प्रतिनिधि से ब्याज को लेकर मोलतोल करें।
1. डीलर दे सकता है छूट: अगर आपको आॅनलाइन ब्याज चेक करने पर पता चलता है कि डीलर के साथ साझेदारी किया हुआ बैंक अधिक ब्याज वसूल रहा है तो आप डीलर से बात करें। ब्याज दर में अंतर होने पर डीलर आपको गाड़ी पर छूट मुहैया करा सकता है। एक बात का और ख्याल रखें कि कभी भी कार लोने लेने में सिर्फ ब्याज की तुलना नहीं करें। लोन अवधि के दौरान चुकाए जाने वाले कुल ब्याज का भी आकलन करें। आप यह काम आॅनलाइन भी आसानी से कर सकते हैं। आप एक साथ कई बैंकों के ब्याज और कुल चुकाए जाने वाली रकम की गणना कर सकते हैं। इसके बाद उस लोन का चुनाव करें जहां आपको सबसे कम रकम चुकाना पड़े।
2. ऑन रोड या शोरूम कीमत पर लोन: आमतौर पर बैंक ग्राहकों को भरमाने के लिए दो ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं। इससे बचने के लिए सबसे पहले यह चेक करें कि बैंक द्वारा दिया जा रहा लोन कार के ऑन रोड कीमत पर है या एक्स शोरूम कीमत पर। यह आपके द्वारा लिए जाने वाले लोन की रकम पर असर डालेगा। कभी-कभी, बैंक आपसे एक समान ईएमआई (समान मासिक किस्त) चुकाने के लिए कह सकता है। इसको ऐसे समझते हैं। बैंक आपको पांच लाख रुपये का कार लोन देता है और 12 हजार रुपये की मासिक ईएमआई चुकाने को कहता है। वहीं, दूसरे हालात में बैंक आपको 4.88 लाख रुपये का लोन देगा और एक ईएमआई अग्रिम ले लेता है। इस तरह की चलाकी को लेकर शतर्क रहें।
3. प्रोसेसिंग फीस और दूसरे शुल्क को भी पता करें: कार लोन लेने में सिर्फ ब्याज दर की तुलना नहीं करें। उसके साथ उसपर लगने वाले प्रोसेसिंग फीस और दूसरे शुल्कों के बारे में भी पता करें। इसमें डक्यूमेंटेशन और लोन पहले बंद करने का चार्ज भी पता करें। कभी भी कार के लिए बड़ा लोन नहीं लें क्योंकि कार एक मूल्यह्रास संपत्ति है। हमेशा कोशिश करें की छोटी अवधि के लिए कार लोन लें। छोटी अवधि के लोन में आपको कम ब्याज चुकाना होगा।
4. इंश्योरेंस प्रीमियम की तुलना जरूर करें: नई कार खरीदते समय लोन पर लगने वाले ब्याज के साथ इंश्योरेंस प्रीमियम की तुलना करें। आप यह काम ऑनलाइन कर सकते हैं। अगर, डीलर आपसे महंगा प्रीमियम वसूल रहा है तो बाहर से इंश्योरेंस कराएं। इस तरह आप बचत कर सकते हैं।
5. ईएमआई का रखे ध्यान: आय के अनुसार मासिक ईएमआई का भी जरूर ख्याल रखें। इससे बाद में आप वित्तीय बोझ के चलते परेशान नहीं होना होगा।


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