राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कालाजार उन्मूलन में आइएमए चिकित्सकों की सहभागिता जरूरी: डॉ दिलीप

  • एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
  • कालाजार उन्मूलन में निजी चिकित्सकों की भूमिका पर हुई चर्चा
  • 2021 तक कालाजार उन्मूलन का है लक्ष्य

राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

छपरा (सारण)। जिला मलेरिया कार्यालय में कालाजार उन्मूलन को लेकर आईएमए के साथ एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने की। डीएमओ ने कहा कि कालाजार उन्मूलन में आईएमए की चिकित्सकों की अहम भूमिका है। इस अभियान में उनकी सहभागिता अति आवश्यक है। कालाजार उन्मूलन में निजी चिकित्सकों की सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने ने आइएमए चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले कालाजार मरीजों की स्वास्थ्य में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करें एवं कालाजार मरीजों की पहचान में स्वास्थ्य विभाग की सहयोग करें। ताकि वर्ष 2021 तक जो कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है उसकी प्राप्ति की जा सके। डीएमओ डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए जिले में अभियान की शुरुआत की गयी है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर छिड़काव का भी कार्य किया जाता है। इस कार्यशाला में डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, भीबीडीसी प्रितिकेश कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, आईएमए के अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

मरीजों को दे कालाजार से बचाव की जानकारी:

कार्यशाला के दौरान डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने आईएमए के चिकित्सकों से यह अपील किया कि निजी स्वास्थ्य संस्थान में आने वाले मरीजों को कालाजार से बचाव के लिए काउंसलिंग करें तथा इससे बचाव व उपचार के बारे में उन्हें संपूर्ण जानकारी दें। कहा कि कालाजार समाज के लिए काली स्याह की तरह है। इस बीमारी को जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से ही हराया जा सकता है। कालाजार तीन तरह के होते हैं । जो वीएल कालाजार, वीएल प्लस एचआइवी और पीकेडीएल हैं । उन्होंने बताया कि कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना अति आवश्यक है।

रोगी को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है राशि:

कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। वहीं आशा को कालाजार के रोगियों को अस्पताल लाने की दिशा में प्रोत्साहन राशि 100 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान किया जाता है। कालाजार मरीजों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भर्ती होने वाले मरीजों को वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है।