राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 के उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा का ब्यौरा जारी कर दिया है। इसके तहत सबसे अधिक खर्च जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार कर सकते हैं। इन्हें 1 लाख तक खर्च करने की तक छूट मिली है। मुखिया और सरपंच उम्मीदवार को 40 हजार, पंचायत समिति सदस्य को 30 हजार, ग्राम पंचायत सदस्य और पंच को 20 हजार खर्च करने की छूट दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आज 101 पन्नों का गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें उम्मीदवारों के लिए ‘क्या करें और क्या ना करें’ की विस्तृत जानकारी दी है।
दल का झंडा लिया तो जाएगी उम्मीदवारी:
राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 को लेकर आदर्श आचार संहिता से जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी है। आयोग ने साफ निर्देश दिया है कि कोई भी प्रत्याशी अगर किसी सियासी दल के झंडा-बैनर का इस्तेमाल करता है तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। यही नहीं, पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगा तो भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाना भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन माना जाएगा और उम्मीदवार पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा के तहत कार्रवाई होगी। इसके साथ ही प्रचार के लिए मस्जिद, गिरिजाघर, मंदिर या अन्य पूजास्थलों का मंच के रूप में इस्तेमाल करना एवं जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई देने पर इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। चुनाव के दौरान आयोग ने पहले से जारी विकास कार्यों पर कोई रोक नहीं लगाई है। यही वजह है कि सरकारी कार्य के साथ चुनाव प्रचार या चुनावी दौरा को जोड़ा जाना आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आएगा।
जुलूस के लिए सड़क पर जाम भी लगाया तो होगी कार्रवाई
राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी गाइडलाइन में उम्मीदवारों के लिए कई निर्देश जारी किए हैं, ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो। जुलूस के शुरू होने का समय व स्थान, मार्ग और किस समय-स्थान पर जुलूस समाप्त होगा, यह पहले से तय कर पुलिस प्राधिकारियों से अग्रिम रूप से अनुमति लें। जिन मोहल्लों से होकर जुलूस गुजरेगा वहां पर लागू निषेधात्मक आदेश का पता लगाया जाए और पूरी तरह से उनका अनुपालन किया जाए। साथ ही यातायात नियमों और प्रतिबंधों का भी अनुपालन किया जाए। जुलूस का रास्ता ऐसा होना चाहिए जिससे यातायात में कोई बाधा न पड़े।
मतदाताओं को जारी पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज की होनी चाहिए, जिस पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक नहीं हो। मतदान के दिन वाहन चलाने पर प्रतिबंधों का पूर्णरूपेण पालन किया जाए। BJP ने किया है जिला परिषद उम्मीदवारों को समर्थन का ऐलान पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं हो रहे हैं लेकिन BJP ने इस बार जिला परिषद के 1161 पदों पर अच्छे उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। BJP के इस ऐलान के बाद JDU से लेकर RJD जैसी पार्टियां भी पंचायत चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। लिहाज इस बार का पंचायत चुनाव बिहार की राजनीतिक पार्टियों के लिए बेहद अहम हो चला है। यही वजह है कि राज्य निर्वाचन आयोग भी उम्मीदवारों के दलों के साथ गठजोड़ पर अपनी पैनी नजर रखने की तैयारी कर रहा है।
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