छपरा(सारण)। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी यानी बीपीएसएम द्वारा कार्यपालक सहायकों को प्राईवेट कम्पनी के हाथे बेचने व आउटसोर्सिंग कम्पनी द्वारा दक्षता परीक्षा अनिवार्य करने के विराेध में कार्यपालक सहायको का हड़ताल 8 वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को भी सैकड़ों कार्यपालक सहायको ने शहर के नगरपालिका चौक पर जिलाध्यक्ष निलेश कुमार की अध्यक्षता में मौन धरना दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सारण की धरती पर सारण तटबंध का निरीक्षण करने आये नीतीश कुमार के कारण मौन धरना का आयोजन किया गया है। ताकि यह संदेश नीतीश कुमार तक पहुंच सके। वहीं वक्ताओं ने कहा कि कार्यपालक सहायकों के मांगों पर बीपीएसएम एवं सुशासन की सरकार द्वारा अभी तक सकारात्मक पहल नहीं किये जाने से आम लोगांे में भी आक्रोश व्याप्त होने लगा है। उन्होंने श्लोगन के रूप में कहा कि बिहार में बहार है, निजीकरण की भरमार है, नीतीशे कुमार है। यह श्लोगन नीतीश के डबल इंजन की सरकार पर बिलकुल सटिक बैठती है। वहीं कार्यपालक सहायकों के हड़ताल के कारण जिले के सभी सरकारी कार्यालयाें स्पष्ट असर दिखने लगा है, कम्प्यूटरीकरण का कार्य पुरी तरह ठप हो गया है। प्रखंड एवं जिला कार्यालयों में अब लिपिक कम्प्यूटर टंकण के बजाय हस्त लिखित पत्र निर्गत करने लगे है। ऐसा प्रतित हो रहा है कि बिहार का सरकारी सिस्टम 15 वर्ष पिछे चला गया है। फिर भी बीपीएसएम एवं डबल इंजन की सरकार का आंख नहीं खुला है। वक्ताओं ने कहा कि नीतीश की डबल इंजन की सरकार अगर यथाशीघ्र कार्यपालक सहायकों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो चरणबद्ध आंदोलन के तहत अनशन भी किया जाएगा। इस दौरान किसी भी कार्यपालक सहायकों के साथ अनहोनी होती है तो इसकी पूर्ण जवाबदेही बीपीएसएम के पदाधिकारी व डबल इंजन की सरकार की होगी।
कार्यपालक सहायकों का हड़ताल संविदा कर्मियों का बना आंदोलन
कार्यपालक सहायको के हड़ताल का असर अन्य सरकारी विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों पर भी पड़ने लगा है। सभी संविधा कर्मी अब कार्यपालक सहायको के हड़ताल का जायज ठहराते हुए उनका समर्थन कर रहे है। जिलाध्यक्ष की माने तो बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट अपने घटक संगठनों के साथ कार्यपालक सहायकों के इस आंदोलन में रोड पर उतरने का मन बना चुका है। ऐसा होता है तो छपरा समेत पुरे बिहार के पाँच लाख संविदा कर्मी सरकार के आला अधिकारीयों के मनमानेपन के विरूद्ध सड़क पर उतर आयेंगे।
कार्यपालक सहायकों का दमन करने को ले बीपीएसएम के अधिकारी चूपी साधकर धमकी भरा पत्र किया जारी
जिला अध्यक्ष ने बताया कि सरकार के दमनकारी निती के कारण हड़ताल के सातवें दिन भी बीपीएसएम व नीतीश सरकार संघ के नेताओं से संपर्क नहीं किया है। और जबरन हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रधान सचिव स्तर से धमकी भरा पत्र जारी किया जा रहा है। जो सरकार के दमनकारी निती को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि सरकार के धमकी से कार्यपालक सहायक डरने वाले नहीं है, अब वे अपना अधिकार लेकर हीं रहेंगे।
लिखित व कंप्यूटर टंकण परीक्षा के मेरिट के आधार पर हुई है बहाली
जिले में कार्यपालक सहायकों की बहाली नियुक्ति प्रक्रिया के समान हुआ है। बहाली से पूर्व कार्यपालक सहायकों के रिक्ती को लेकर दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त किया गया, प्राप्त आवेदनों की संविक्षा के उपरांत लिखित परीक्षा की तिथि घोषित कर प्रवेश पत्र निर्गत किया गया। जिसके आधार पर लिखित परीक्षा हुई, परीक्षा मंे उर्तीण अभ्यर्थियों का कंप्यूटर टंकण परीक्षा लिया गया, जिसमें उर्तीण अभ्यर्थियों का लिखित एवं कंप्यूटर टंकण की परीक्षा में प्राप्त अंको को जोड़कर परिणाम घोषित किया गया। इसके बाद रिक्ती के आलोक में आदर्श आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए काउंसिलिंग कर कार्यपाल सहायकों को विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर योगदान कराया गया है। इसके बाद भी बीपीएसएम के अधिकारी आउटसोर्सिंग कम्पनी से आंतरिक सांठ-गांठ कर कार्यपालक सहायकों को बेचने के लिए पत्र निर्गत किया गया है। प्राईवेट कंपनी से अधिकारियों एवं सरकार के मिली-भगत को दर्शाता है।
इन नेताओं ने कार्यपालक सहायकों के धरना को किया संबोधित
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के जिला सचिव सैयद मोहम्मद नजमी, रामेश्वर जी, अध्यक्ष अशोक सिंह, कार्यपालक सहायकों में ज्योति कुमारी, रिजवाना जफर, रंजन कुमारी, फरहाना जफर, ओजस्विता कुमारी, खुश्बू कुमारी, निर्मला कुमारी, प्रीति गुप्ता, बेबी कुमारी, रश्मि कुमारी, नेहा कुमारी, किरण कुमारी, प्रीती कुमारी, रोशनी कुमारी, रिया कुमारी, सुमन कुमारी, रूपा कुमारी, सुमन, रिया, अल्का, संगीता, डिम्पी, रेखा, निभा, प्रियंका, रितु, नेहा, आनंदिता, नवीन कुमार गिरी राजन शर्मा, जनमजेय प्रताप, विजय कुमार, अजय राज, श्रीराम कुमार, मुकेश, निर्भय, आशिष कौशिक, कृष्णकांत, शमशेर, पवन, धर्मेन्द्र, रत्नेश तिवारी, अरविन्द, हरेन्द्र, दिलीप, रंजीत, संदीप रंजन, उपेन्द्र, अमरेन्द्र, अमर, कमलेश सोनी, जितेन्द्र, धनंजय, सुमित, राशिद, रंजय, गोविन्द, मुमताज, बलराम, रोहित, रितुराज, संजय, विश्वजीत, शिलाजीत, अमरजीत, नसीम अली अब्बास आदि कार्यपालक सहायक उपस्थित रहे।
नियमितिकरण के कमिटी के अनुशंसा को नहीं मान रही है बीपीएसएम
कार्यपालक सहायकों ने कहा कि नीतीश सरकार ने संविदा कर्मियों के नियमितिकरण के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुषंसा को विभागीय संकल्प संख्या 12534 के द्वारा लागु कर दिया है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि सरकार के अधिकारी उच्च स्तरीय कमिटी के अनुशंसा को लागु करने के बजाय कार्यपालक सकायकों को नीजीकरण करने पर तुले हुए है। ऐसे प्रतीत होता है कि सरकार एवं बीपीएसएम के अधिकारियों के बीच कोई सामंजस्य नहीं है। साथ ही बिहार के सभी जिलों के जिला पदाधिकारी के निष्पक्षता पर भरोसा नही या सरकार अब खुले आम बिहारी युवाओं के प्रतिभाओं का शोषण करने की कसम खा चुकी है।


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