राष्ट्रनायक न्यूज

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पृथ्वी दिवस पर प्रकाशित मौलिक काव्य ग्रंथ “रक्षजलम्’ के माध्यम से डा शशिकांत ने दिया जल संरक्षण का संदेश’

पृथ्वी दिवस पर प्रकाशित मौलिक काव्य ग्रंथ “रक्षजलम्’ के माध्यम से डा शशिकांत ने दिया जल संरक्षण का संदेश’

जलालपुर (सारण)-  प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जलालपुर में संस्कृत के अध्यापक और विद्वान डॉ शशिकांत तिवारी श्रीधर द्वारा रचित मौलिक काव्य ग्रंथ “रक्षजलम्’ प्रकाशित हो गया | इसके माध्यम से उन्होने जल संरक्षण का संदेश दिया है|. दिल्ली के सत्यम पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित इस काव्य ग्रंथ में 111 सचित्र पद्य हैं |इस पद्य ग्रंथ में रंगीन चित्रों के साथ लगभग प्रचलित छंदो में पद्य प्राप्त हैं |जिसका अर्थ संस्कृत, हिंदी ,अंग्रेजी तीनों भाषाओं में किया गया है |इसमें जल के अपव्यय से हानि, जल संरक्षण के उपाय, जल का महत्व, जल की उपादेयता आदि समसामयिक एवं महत्वपूर्ण विषयों को काव्य के माध्यम से सचित्र व्यक्त किया गया है |इस संबंध में जानकारी देते हुए रचनाकार डॉ तिवारी बताते हैं कि जल है तो कल है |जल के बिना जीवन असंभव है |मनुष्य को यह नहीं भूलना चाहिए कि जल निर्माण कदापि संभव नहीं है |अतः इस जल के संकट से बचने के लिए जल संरक्षण ही मात्र एक उपाय है |जल के बिना सुनहरे कल की संभावना या कल्पना खपुष्प के समान असंभव है |उन्होंने जल को बचाने के लिए ही इस पुस्तक की रचना की |उन्होंने बताया कि इसको पढ़कर कोई एक व्यक्ति भी जल रक्षण के प्रति जागरूक हो गया तो उनका परिश्रम सार्थक हो जाएगा| उनकी इस अद्वितीय रचना पर बिहार राज्य संस्कृत अकादमी के निदेशक व अध्यक्ष दिनेश चंद्र झा तथा बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्षा डॉ भारती मेहता ने उन्हें बधाई दी है |जलालपुर प्रखंड के सुकसेना ग्राम निवासी डॉ शशिकांत श्रीधर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जलालपुर हाई स्कूल से पूरी की है| बाद में बीएचयू से एम ए व पीएचडी पूरा किया है |उन्होंने जे आर एफ नेट भी क्वालीफाई किया है |माता श्रीमती गीता देवी तथा पिता योगिश दत्त तिवारी के पुत्र शशिकांत ने इस अद्वितीय रचना का प्रेरणास्रोत अपनी माता पिता पत्नी रिद्धि तिवारी और पुत्री ॠषिका को दिया है |उनके पूर्व प्रकाशित ग्रंथ में भागवतामृत संग्रह तथा रस वर्षिनी है |रसवर्षिनी को उत्तर प्रदेश सरकार ने साहित्य रत्न पुरस्कार के लिए चयनित भी किया है |वहीं उनकी प्रकाशधीन पुस्तकें रक्ष कन्याम्, रक्ष जीवनम् तथा रक्ष पर्यावरणम् है|उनके इस नैसर्गिक प्रतिभा पर स्थानीय निवासियों राजेश्वर कुंवर,उमेश तिवारी, प्रमोद सिग्रीवाल, मनिंद्र पांडेय प्रभातेश पांडेय, तारकेश्वर सिंह, दिलीप कुमार सिंह ,ललन देव तिवारी ,राजन तिवारी ,धीरज तिवारी, उमेश कुमार सिंह, राजेश कुमार ने बधाई दी है|