नई दिल्ली, (एजेंसी)। वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म होने में सात दिन का ही समय बचा है। नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल से आयकर से जुड़े पांच नियम बदलने वाले हैं। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव किया है जो 1 अप्रैल से लागू होंगे। आइए जानते हैं ऐसे नियमों के बारे में..
1- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आइटीआर में प्री फाइल्ड सेक्शन को 1 अप्रैल से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। क्लियर टैक्स की सीईओ अर्चित गुप्ता ने टैक्सपेयर्स को सुझाव देते हुआ कहा, ”टैक्स पेयर्स प्री फाइल्ड आइटीआर भरते वक्त यह ध्यान दें कि टीडीएस, ब्याज, कैपटिल गेन से संबन्धित सभी जानकारी सही-सही होनी चाहिए।
2- अपने बजट स्पीच में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा की थी कि अगर पीएफ कान्ट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा है तो उस पर नए फाइनेंशियल ईयर से टैक्स लगेगा। 1 अप्रैल से अब अपने ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन पर भी नजर रखनी होगी।
3- 75 से अधिक उम्र के लोगों को अब इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा। इस बार के बजट स्पीच में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। लेकिन यह छूट सिर्फ उन्हें ही रहेगी जिनकी इनकम पेंशन के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है।
4- इनकम टैक्स रिटर्न ना फाइल करने वालों पर सरकार अब कड़ा एक्शन लेगी। इस बार के बजट ने इनकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 206अइ और 206उउअ में स्पेशल प्रोविजन जोड़ा गया है। इस नियम के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने वालों का अब ज्यादा टीडीएस कटेगा।
5- इस बार के बजट में एलटीसी को लेकर भी बजट में ऐलान किया गया है। कोरोना के कारण पिछली बार कर्मचारी एलटीसी का फायदा नहीं उठा पाए थे। अब सरकार उन्हें नगद भुगतान करेगी जो कि टैक्स के अंतर्गत नहीं आएगा। यह स्कीम 31 मार्च तक ही लागू रहेगी।
6- इस बार टैक्स पेयर्स के सामने दो नई कर व्यवस्था है। यह टैक्स पेयर्स के ऊपर निर्भर करता है कि वह पुरानी कर व्यवस्था को चुनता है या फिर नई कर व्यवस्था को। टैक्स पेयर्स के पास 31 मार्च तक का समय है कि वह अपने सभी टैक्स सेविंग कर लें।


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