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अभी और सताएगी महंगाई डायन, विशेषज्ञ ने बताया कब से मिलेगी आम आदमी को राहत?

नई दिल्ली, (एजेंसी)। देश में महंगाई का दौर आने वाले कुछ महीनों तक और रहने वाला है। विशेषज्ञों की राय में कोर महंगाई यानी ईंधन और खाने पीने की चीजों को छोड़कर बाकी सामान के दाम जुलाई से पहले घटने वाले नहीं हैं। इसके पीछे की वजह तमाम बढ़ती मांग और उद्योग धंधों का चालू न हो पाना है। आर्थिक विशेषज्ञ प्रणब सेन के मुताबिक, कोर क्षेत्र की महंगाई इस साल के मध्य तक घटनी शुरू होगी और सब ठीक रहा तो साल के आखिर तक ही जाकर घट पाएगी क्योंकि लंबे समय बाद एक साथ औद्योगिक गतिविधियां होनी शुरू हुई हैं और कच्चे माल की जरूरत बढ़ी है।

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि पैदावार अच्छी रहने की वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम ज्यादा नहीं बढ़ेंगे। क्योंकि मांग के मुकाबले आपूर्ति की व्यवस्था है। साथ ही उन्होंने ये आशंका भी जाहिर की है कि अगर लॉकडाउन और कर्फ्यू को ठीक तरह से मैनेज नहीं किया गया तो खाने-पीने की चीजों की भी महंगाई भी बढ़ सकती है।

मार्च महीने में थोक महंगाई दर आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। इसके पीछे अहम वजह कच्चे तेल और धातु की बढ़ती कीमतों को माना जा रहा है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कीमतें कम थीं। लेकिन अब जब कारोबारी गतिविधियां शुरू हो गयी हैं तो हालात बदलने लगे हैं।
हालांकि महामारी की दूसरी लहर को लेकर भी चिंताएं हैं लेकिन क्योंकि अभी तक देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया गया है और कई राज्यों में औद्योगिक क्षेत्रों और जरूरी सामान के उत्पादन को रियायत भी दी जा रही है। ऐसे में उत्पादन बढ़ते रहने का ही अनुमान है।

थोक महंगाई का इतना उच्च स्तर इससे पहले अक्तूबर 2012 में रहा था, जब महंगाई 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 10.25 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 0.58 प्रतिशत थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के टीकाकरण से दुनिया भर में आशावाद बढ़ा है, जिसके चलते प्रमुख चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। यही नहीं ये भी माना जा रहा है कि हालांकि, मार्च 2021 में कच्चे तेल की कीमतों में ऊपरी स्तर से गिरावट देखने को मिली, लेकिन बढ़ती मांग से फिलहाल अप्रैल 2021 में भी मुद्रास्फीति के तेजी से बढ़ने का अनुमान है। अगले कुछ महीनों तक प्रमुख चीजों की महंगाई 11-11.5 प्रतिशत और थोक महंगाई दर 8-8.5 प्रतिशत पर रह सकती है।