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एसएफसी में सीएमआर पेंच: सारण में 8129 किसानों 43769.35 मीट्रिक टन धान की हुई खरीदारी, एसएफसी को अब तक 19332 एमटी ही हुई चावल की आपूर्ति

कशिश भारती।छपरा
जिले में खरीफ फसल के दौरान धान अधिप्राप्ति को लेकर जिले सहकारिता विभाग के अधिन कार्यरत प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानी पैक्स एवं व्यापार मंडल द्वारा निबंधित किसानों से धान की खरीदारी की गई। इस दौरान जिले के करीब 184 पैक्स एवं 9 व्यापार मंडलों ने करीब 8129 किसानों से करीब 43769.359 मीट्रिक टन यानी एमटी धान की खरीदारी की गई। जिसको चावल राइस मिलों में धान की कुटाई कर चावल तैयार कर राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी के गोदामों में आपूर्ति की जानी है। लेकिन आश्चर्य की बात है की किसानों से धान की खरीदारी बंद होने के बाद भी अभी तक जितनी चावल की आपूर्ति एसएफसी के गोदामों में की जानी थी, वो अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। एक विभागीय रिपोर्ट की माने तो अभी तक एसएफसी गोदाम में 19 हजार 332 एमटी ही चावल की आपूर्ति की गई है। जबकि किसानों से किये गये धान की खरीदारी के आलोक में 29 हजार 325 मीट्रिक टन से अधिक चावल की आपूर्ति एसएफसी गोदामों में की ऐसे में जिले के एसएफसी व चावल अधिप्राप्ति यानी सीएमआर की प्रक्रिया पर बड़ा ही यक्ष प्रश्न उठने लगा है। जिसे सिस्टम की सच्चाई कहें या सीएमआर अधिप्राप्ति में पेंच ! जिससे अब सीएमआर के सिस्टम को आम लोगों को भी समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
एसएफसी व को-ऑपरेटिव में सामंजस्य नहीं होने से बाधित है सीएमआर
जिले में किसानों से धान अधिप्राप्ति के बाद पैक्सों द्वारा संबद्ध राइस मिलों से चावल की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी के गोदामों में की जाती है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि धान की अधिप्राप्ति बंद होने के करीब दो माह में अभी तक एसएफसी गोदाम में 19 हजार 332 एमटी ही चावल की आपूर्ति की गई है। अभी करीब 10.5 हजार मीट्रिक टन से अधिक चावल की आपूर्ति एसएफसी गोदामों की जानी है। सूत्रों की माने तो दोनों विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण गोदामों में चावल की आपूर्ति बाधित है। जिससे पैक्सों एवं राइस मिलों में धान व चावल पड़ा हुआ है, जिसकी नुकासन होने की संभावनाओं से भी इंनकार नहीं किया जा सकता है।
एक क्विंटल धान के बदले 67 किलो चावल का होता है सप्लाई
धान अधिप्राप्ति करने के बाद पैक्स उसे चावल बनाने के लिए एसएफसी से निबंधित राइस मिलो में भेजते है। इसके बाद राइस मिलर एक क्विंटल धान के बदले में करीब 67 किलो चावल देते है। जिन्हें पैक्स एवं राइस मिलरो के माध्यम से एसएफसी गोदाम में सप्लाई करते है।
1868 रूपये प्रति क्विंटल धान की हुई है खरीदारी
किसानों से धान की खरीदारी के लिए सहकारिता विभाग ने 1868 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया था। इसी मूल्य पर जिले के किसानों से धान की खरीदारी की गई है। जानकारी के अनुसार इस बार सामान्य किसानों से करीब 150 क्विंटल तथा बटाईदारों से करीब 50 क्विंटल तक धान की खरीदारी की गई।

एसएफसी गोदाम से ही पीडीएस को होती है चावल की आपूर्ति

जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाती है। जिसमें जरूररतमंद राशन कार्डधारियों को चावल भी दिया जाता है। जानकारी के अनुसार जिले के जनवितरण प्रणाली दुकान यानी पीडीएस के माध्यम से राशन कार्डधारियों को चावल का वितरण किया जाता है। ये चावल राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी गोदामों के माध्यम से पीडीएस को आपूर्ति की जाती है। जो किसानों से पैक्सों द्वारा खरीदे गये धान को राइस मिलों के माध्यम से चावल बनाकर एसएफसी में आपूर्ति की जाती है। जो गरीबों के थाली में पहूंचता है।

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