राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कोरोना लॉकडाउन में वेतन नहीं मिलने पर शिक्षक नेता ने कहा- सरकार शिक्षकोंं के अधिकारों की हकमारी कर शारिरीक, आर्थिक शोषण कर रही है, जारी रहेगा संघर्ष

कोरोना लॉकडाउन में वेतन नहीं मिलने पर शिक्षक नेता ने कहा- सरकार शिक्षकोंं के अधिकारों की हकमारी कर शारिरीक, आर्थिक शोषण कर रही है, जारी रहेगा संघर्ष

छपरा(सारण)। जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रखंड सचिव सुनील कुमार अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पूरी दुनिया जहाँ एक तरफ कोरोना महामारी संकट से जीवन मृत्यु की शर शय्या से जूझ रही है, देश के आम जनजीवन आर्थिक तंगी की चपेट से घिर चुकी है, ऐसे हालात में अगर सरकार किसी को उनका वाजिब हक न दे तो इसे अमानवीय कृत्य ही समझना चाहिए। पिछले 14 वर्षों राज्य सरकार सूबे के नियोजित शिक्षकों की हकमारी, शोषण के साथ ही साथ आर्थिक भेदभाव तो कर ही रही है, साथ ही साथ सोची समझी नीति के तहत इन राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले शिक्षकों की उपेक्षा भी कर रही है। बार-बार इस ओर ध्यान आकृष्ट करने के बाबजूद भी जब सरकार की इन शिक्षकों के विरुद्ध उपेक्षा पूर्ण नीति जारी रही है। तब लाचार और बेबस होकर राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडे एवं महासचिव शत्रुघ्न सिंह के नेतृत्व में अपने वाजिव और संवैधानिक मांगों को लेकर पिछले 62 दिनों से हड़ताल पर हैं। वर्तमान में चल रहा हड़ताल राज्य सत्ता के खिलाफ युद्ध नहीं है, बल्कि हमारा संवैधानिक अधिकार है। इस स्थिति में शिक्षकों का वेतन रोकना तथा विभिन्न प्रकार के दंडात्मक कार्यवाही करना राज्य सत्ता के अलोकतांत्रिक एवं असंवेदनशील व्यवहार को ही नही दर्शाता है। बल्कि इस महामारी में उसके घोर अमानवीय क्रूर चरित्र को भी प्रतिबिंबित करता है। जो बिहार सरकार के द्वारा शिक्षकों के आत्मसम्मान को कुचलने वाली गतिविधि है। क्या सरकार नहीं जानती 4 लाख 50 हजार शिक्षकों पर करीब 25 लाख लोग आश्रित है। यह कितने दुःख की बात है कि बिहार सरकार राज्य की इतनी बड़ी जनसंख्या को इस कोरोना काल में सिर्फ इसलिए बेसहारा छोड़ रही है, क्योंकि ये लोग नियोजित शिक्षक के परिवार के लोग है। शिक्षकों से ऐसी नफरत रखने वाली सरकार शायद मानव इतिहास में पहली बार देखी जा रही है। जब तक हमारी सभी मांगे पूरी न हो जाए तब तक हम पूरी तन्मयता से संघर्ष करते रहेंगे। नियोजित शिक्षकों को हड़ताल पर डटे रहने की अपील माध्यमिक शिक्षक संघ के परीक्षा सचिव विद्यासागर विद्यार्थी, विजय कुमार सिंह, नागेंद्र सिंह अवधेश यादव, नागेंद्र राय, विष्णु कुमार, डॉ रजनीश, सत्येंद्र पांडे, रसूल खान, अनवर हुसैन, उत्तम कुमार, आशुतोष मिश्रा, डॉ दीनबंधु मांझी, डॉ अनवारूल हक, राजेश ओझा, रबीना कुमारी तमाम शिक्षक नेताओं ने सभी हड़ताली शिक्षक से अपील की है कि जब तक शीर्ष नेतृत्व कोई निर्देश नहीं देता तब तक अपनी चट्टानी एकता बनाए रखते हुए हड़ताल पर डटे रहना है।