नई दिल्ली, (एजेंसी)। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लगातार रिकॉर्ड्स टूटते जा रहे हैं। महामारी को लेकर लोगों के मन में डर व्याप्त होने लगा है। देश के जाने-माने डॉक्टर्स लोगों को लगातार महामारी से जुड़ी अहम जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। कोरोना की वर्तमान स्थिति पर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, एम्स में मेडिसिन के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. नवीत विग और हेल्थ सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील कुमार विस्तारपूर्वक चर्चा कर रहे हैं। चर्चा में मेदांता के डॉ. त्रेहन ने बताया कि जैसे ही किसी भी कोरोना मरीज की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उसे तुरंत स्थानीय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सभी डॉक्टरों को प्रोटोकॉल के बारे में मालूम है और वे उसी के अनुसार, ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं। अगर सही समय पर दवा दी जाए तो 90 फीसदी कोरोना मरीज घर पर ही ठीक हो सकते हैं।
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि 2020 नए वायरस को लेकर आया और हम सब तैयार नहीं थे। भारत सरकार ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए टेस्टिंग को काफी तेज किया। हमें विश्वास होना चाहिए कि हमारी सरकार डॉक्टरों, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों के सुझावों के साथ ठोस और वैज्ञानिक कदम उठाएगी। डॉ. सुनील कुमार ने आगे कहा, ”खबरों पर ज्यादा फोकस नहीं करें। सिर्फ सेलेक्टेड खबरें ही देखें। वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी भी चल रही है। उस पर ध्यान नहीं दें। कोरोना के प्रोटोकॉल्स का ध्यान रखें। डॉक्टरों, मीडिया और आपके द्वारा इनका पालन किया जाना चाहिए।
वैक्सीन को लेकर चल रहीं तमाम तरह की अफवाहों से भी बचाने की डॉक्टर ने अपील की। डॉ. सुनील कुमार ने कहा, ”वैक्सीन पर कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं। कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। वायरस की चेन तोड़ने के लिए वैक्सीन और कोविड बिहेवियर काफी मददगार साबित होगा।” डॉ. नवीत विग का कहना है कि अगर हमें बीमारी को हराना है तो फिर हमें हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाना होगा। कई उसमें से पॉजिटिव हो रहे हैं। अगर हम हेल्थकेयर वर्कर्स को बचा सके तो वे मरीजों की जान बचा सकेंगे। अगर दोनों बचते हैं तभी हम अपनी इकॉनमी को भी बचा सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमें वायरस की चेन को ब्रेक करना होगा। हमें मरीजों की संख्या को कम करना होगा। हमारा सिर्फ एक लक्ष्य होना चाहिए कि चेन को ब्रेक किया जाए।
भारत में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है। संक्रमण के मामले बढ़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
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