नई दिल्ली, (एजेंसी)। कोरोना महामारी ने नियमित निवेश की जरूरत और बीमा की अहमियत से हम सभी को अवगत कराया है। इसका असर भी हुआ है। कोरोना संकट के बाद से बीमा की मांग और बचत की चाहत लोगों में बढ़ी है। इस बदलते रुझान को देखते हुए म्यूचुअल फंड हाउस ने भी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रणनीति में बदलाव किया है। म्यूचुअल फंड हाउस अब नए एसआईपी यानी सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान शुरू करने वाले को मुफ्त में बीमा कवर का लाभ दे रहे हैं।
देश की कुछ चुनिंदा म्यूयुचअल फंड हाउस ने एसआईपी के साथ मुफ्त बीमा कवर का लाभ देना शुरू किया है। जिन एसआईपी में बीमा कवर का भी लाभ दिया जा रहा है उनमें आईसीआईसीआई प्रू. म्यूचुअल फंड एसआईपी प्लस, निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड, एसआईपी इंश्योरेंस और आदित्य बिड़ला सनलाइफ सेंचुरी एसआईपी आदि प्रमुख हैं। यानी अगर निवेशक इन एसआईपी प्लान के साथ निवेश शुरू करते हैं तो उनको बिना मेडिकल जांच के बीमा का लाभ मिलना शुरू होगा। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि एसआईपी के साथ बीमा का लाभ लेने में कई तरह की पेचिंदगियां भी हैं जिसे निवेशक को पहले समझना चाहिए।
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सआईपी के साथ जो बीमा कवर दिया है दरअसल वह ग्रुप टर्म इंश्योरेंस है। इसे एसआईपी के साथ संयोजित कर दिया गया है। कोई निवेशक एसआईपी शुरू करने के साथ इस टर्म कवर का लाभ ले सकता है। 18 से 51 साल के निवेशकों को फंड हाउस टर्म इंश्योरेंस का लाभ दे रहे हैं। इसके तहत 55 साल की उम्र तक कवर दिया जा रहा है। मौजूदा समय में चुनिंदा म्यूचुअल फंड हाउस एसआईपी की रकम के 10 गुना अधिक बीमा कवर पहले साल दे रहे हैं। दूसरे साल निवेश राशि के 50 गुना और तीसरे साल 100 गुना अधिक कवर दे रहे हैं। वहीं, निप्पन इंडिया एसआईपी रकम के 120 गुना अधिक कवर मुहैया करा रही है।
अगर आप बीमा कवर वाली एसआईपी स्कीम में 1000 रुपये प्रति माह निवेश करते हैं तो आपको पहले साल 10,000 रुपये का कवर, दूसरे साल 50 हजार का कवर और एक लाख रुपये का कवर तीसरे साल मिलेगा। यानी अगर एसआईपी करने वाले व्यक्ति की मृत्यु किसी कारण से तीसरे साल हो जाती है तो उसके नॉमिनी को म्यूचुअल फंड यूनिट्स के साथ एक लाख रुपये मिलेगा। हालांकि, यह लाभ सिर्फ नए निवेशकों को फंड हाउस दे रही हैं। पुराने निवेशकों को यह लाभ लेने के लिए नया एसआईपी शुरू करना होगा।
अगर कोई निवेशक एसआईपी के साथ बीमा कवर का लाभ लिया है तो उसे कम से कम तीन साल तक रेगुलर निवेश करना होगा। तीन साल से पहले एसआईपी बंद कर देने पर टर्म इंश्योरेंस के तहत मिलने वाला लाभ खत्म हो जाएगा। वहीं, तीन साल तक एसआईपी चलाने के बाद बंद कर देने पर भी उसे टर्म इंश्योरेंस का लाभ मिलता रहेगा। हालांकि, निवेश बंद कर देने पर कवर की राशि कम हो जाएगी।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि एसआईपी के साथ मुफ्त टर्म इंश्योरेंस कवर का विकल्प बुरा नहीं है। उदाहरण के लिए अगर आप 50 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस खरीदते हैं और आपकी आयु 30 साल है तो आपको 4000 रुपये से लेकर 10,500 रुपये तक सालाना प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इस स्कीम के साथ प्रीमियम रकम की बचत होगी। हां, निवेशक को यह जरूर देखना चाहिए कि फंड हाउस उसके रकम को कहां निवेश कर रहे हैं और उसका प्रदर्शन कैसा है। सभी बिंदुओं को आंकते हुए ही निवेश का फैसला करना चाहिए।


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