बदल डालो। शरारत भरी दुनिया में
दोस्ती बदल डालो, प्यार तो करो मगर
तोहफे बदल डालो, चांदनी रातों में भी
यहां घुप्प अंधेरा है उजाले के लिए यारों
चांद को बदल डालो, खेलने तो आता नहीं।
मैंदान ही नहीं बड़ी जीत के लिए यारों मै
मैदान को बदल डालो काले करतूतों में पैसे
तो लाखों है पर पैसौ के खातिर ना
रास्ते बदल डालो इंसान तो सब है,
पर इंसानियत रही नही इसानो के खातिर है
वानियत बदल डालो। शरारत भरी दुनिया में
दोस्ती बदल डालो।।
सूर्येश प्रसाद निर्मल शीतलपुर तरैया
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