राष्ट्रनायक न्यूज। सर्दी के दिनों में ठंड लगना एक आम बात है, लेकिन अगर गर्म दिनों में भी आपको ठंडी का अहसास हो या फिर आपको हर वक्त ठंड लगती हो तो यह सामान्य नहीं है। दरअसल, जब आपके शरीर के साथ कोई समस्या होती है, तब आपका शरीर खुद इस बात के संकेत देता है। अगर आपको हर वक्त ठंड लगती रहती हैं तो यह संकेत है कि आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जिसके लक्षण के रूप में आपको शरीर में ठंड का अहसास होता है-
हाइपोथायरायड होना: हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, हाइपोथॉयराइड होने पर भी व्यक्ति को अधिक ठंड लगती है। हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायरायड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। ये हार्मोन चयापचय और तापमान को विनियमित करने में मदद करते हैं। जब थायरायड पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर रहा है, तो शरीर की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि हाइपोथायरायड होने पर व्यक्ति को ठंड लगने के अलावा, थकान, डिप्रेशन, बालों का झड़ना, कब्ज, पीरियड्स में प्रॉब्लम्स आदि कई लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
एनीमिया होना: अमेरिकन सोसायटी आॅफ हेमाटोलॉजी के अनुसार, एनीमिया एक रक्त विकार है जो तब होता है जब आपके शरीर में आॅक्सीजन को ले जाने के लिए पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। इससे आपके अंगों में कम संचार होता है, जिससे आप ठंड महसूस करते हैं, विशेष रूप से आपके हाथों और पैरों में। अन्य सामान्य एनीमिया लक्षणों में कमजोरी, थकान, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना, छाती में दर्द और सिरदर्द आदि शामिल हैं।
एनोरेक्सिया नवोर्सा: हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि एनोरेक्सिया नवोर्सा या सिर्फ एनोरेक्सिया एक ईटिंग डिसऑर्डर है। एनोरेक्सिया वाले लोग अपने फूड इनटेक को प्रतिबंधित कर सकते हैं, अत्यधिक व्यायाम कर सकते हैं या खाना खाने के बाद उल्टी कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, शरीर में बॉडी फैट पर्याप्त मात्रा में ना होने के कारण एनोरेक्सिया व्यक्ति को ठंड के प्रति इंटॉलरेंस हो जाता है, जिससे उसे अत्यधिक ठंड लगती है। एनोरेक्सिया के अन्य लक्षणों में वजन घटना, पेट की समस्याएं, जैसे कब्ज या ऐंठन, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चक्कर आना या बेहोशी, महिलाओं में पीरियड्स की कमी, कमजोर बाल या नाखून, अधिक वजन होने का डर, पब्लिक में खाने का डर व सोशल आइसोलेशन आदि है।
– मिताली जैन
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