राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। बिहार में 5 मई से 15 मई तक कोरोना वायरस से बचाव के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगा दी गई है। सरकार ने यह साहसिक फैसला लिया है इससे काफी हद तक बीमारी को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी,महामारी कम नही हुई तो लॉकडाउन आगे भी जारी रह सकती है। परंतु सिर्फ लॉकडाउन लगाने से ही काम नहीं बनने वाली क्योंकि बिहार में अधिकांश लोग दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। वैसे लोगों को राशन, दवा, बिजली तथा लोन माफ एवं नगदी की भी व्यवस्था सरकार को अपने स्तर से करनी होगी, ताकि राज्य में कोई भूखे ना मरे। अगले बार लॉकडाउन लगने से बिहार के करोड़ों प्रवासी मजदूर मुख्यमंत्री के अड़ियल रवैये रही है।बिहार में बस नहीं घुसने देने के आदेश के बाद पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे। जिसमें से अधिकांश लोग पुनः कमाने दूसरे राज्य में चले गए।परंतु पैदल चलकर आने वाले कई लोगों की पुनः हिम्मत दूसरे राज्य में काम करने जाने को नहीं हुई। वह यही मजदूरी करते थे, परंतु लॉकडाउन करने से अब उनकी मजदूरी भी छूट जाएगी। ऐसे में उनके तथा उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार की दायित्व बनती है, कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
सन्त श्री मुरारी स्वामी, सारण।
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