नई दिल्ली, (एजेंसी)। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत की स्थिति को काफी खराब कर दिया है। सरकार के खोखले वादों की पोल कोरोना काल में खुल गयी है। कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन और बेड की भी सुविधा नहीं हैं। इस ससमय भारत एक बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा हैं। केंद्र सरकार की तरफ से स्थिति को कंट्रोल करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत के ज्यादा कर राज्यों ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन लगायया हुआ है। वहीं दूसरी तरफ क्या बेहतर किया जा सकता है उन पीएम मोदी लगातार बैठके कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर जनस्वास्थ्य प्रतिक्रिया की समीक्षा की ।राज्यवार, जिलावार स्थिति का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य ढांचे को दुरूस्त करने में राज्यों को सहयोग, मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए । प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण की प्रगति, अगले कुछ महीने में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के रोडमैप की समीक्षा की।
45 वर्ष से अधिक उम्र केकरीब 31 फीसदी पात्र लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई, राज्यों को करीब 17.7 करोड़ टीकों की आपूर्ति की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा की, रेमडेसिविर सहित दवाओं का उत्पादन तेज करने के लिए कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि टीकाकरण की गति धीमी नहीं पड़े।
भारत में कोरोना वायरस के मामले हर दिन एक नया रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और बृहस्पतिवार को संक्रमण के 4,12,262 नए मामले दर्ज किए गए तथा 3,980 लोगों ने इस महामारी से जान गंवाई। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले देश में 2,10,77,410 हो गए और मृतकों की संख्या 2,30,168 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 35,66,398 है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.92 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर गिरकर 81.99 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,72,80,844 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।


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