तेज आंधी के साथ बारिश से मक्का, मूंग व आम का फसल बर्बाद, किसानों व राजद, कम्युनिस्ट पार्टी ने मुआवजे का किया मांग
बनियापुर(सारण)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉक डाउन ने आमलोगों को आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर कर दिया है। वहीं तेज आंधी के साथ हुई बारिश ने आन्नदाता को तंग और तबाह कर दिया है। शुक्रवार की सुबह में आई तेज आँधी तूफान और मूसलाधार बारिस ने किसानों की रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। बिन मौसम हुई बरसात से किसानो को काफी क्षति होने की बात बताई जा रही है। किसानो की माने तो रवि मौसम की प्रमुख फसल गेहूँ की कटनी के बाद से ही लगातार बारिस की वजह से दौनी का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो गया। कुछ छोटे और मध्यम किसानों को छोड़ दे तो व्यापक स्तर पर खेती करने वाले ज्यादातर किसानों की दौनी कार्य बारिस की वजह से प्रभावित है। जो बार-बार भींगने की वजह से बर्बाद होने की कगार पर पहुँच चुकी है। ऐसे किसानों को अब खलिहान में ही अनाज खराब होने की चिंता सताने लगी है। वैसे किसान सबसे ज्यादा परेशान दिखे जो कर्ज लेकर हुंडा और बटाई पर खेती करते है। इन किसानों को आगामी खरीफ़ फसल के लिये पूंजी का प्रबंध और कर्ज की अदायगी कैसे होगी को लेकर माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है। बता दें कि जिले के करीब सभी प्रखंडों में पिछले 10 दिनों से एक -दो दिनों के अंतराल में तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। जिससे खेतों में बड़े पैमाने पर लगे मक्का और मूंग का फसल बर्बाद हुआ है। जबकि आंधी से आम का टिकोला भी बर्बाद हुआ है।
लोन माफ करने के लिए किसानों ने किया मांग
बारिश ने आम, मक्का और मूंग के फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लिहाजा जिले के किसान नेता आज से उपवास पर बैठ गए है। बता दें की तेज आंधी के जोरदार बारिश से आम और मक्का के फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिसको लेकर कांग्रेस, आरजेडी व कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय नेता अपने -अपने आवास पर अनशन पर बैठ गए है। और किसानों के हित में फसल मुआवजे से लेकर केसीसी ऋण माफी की मांग कर रहे है।
कृषि इनपुट का लाभ नही मिलने से किसानों में आक्रोश
भृगुनाथ सिंह,चंद्रमा सिंह,मदेश्वर सिंह,संजय सिंह,आदित्य सिंह,त्रिलोकी सिंह,योगेंद्र सिंह,अमित कुमार सिंह सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि गत फरवरी-मार्च से लेकर अप्रैल तक कई बार बारिस और ओलबृष्टि कि वजह से रवि फसलों का व्यापक स्तर पर नुकशान हुआ है। बावजूद इसके अबतक कृषि इनपुट योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।जबकि विभागिये स्तर पर प्रदेश के 23 जिलों को योजना के लाभ के लिये चयन किया गया। जिसमें सारण जिला को वंचित कर दिया गया है। हालांकि एक सप्ताह पूर्व हुई बारिस और ओलवृष्टि को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा नुकसान का सर्वे कराये जाने का निर्देश दिया गया था। ऐसे में लगातार बारिस की वजह से हजारों बोझा गेहुं सड़ने के कगार पर पहुँच गया है। मगर अबतक कृषि विभाग का कोई भी कर्मी जांच के लिये नही आया है। वही बारिस से प्रभावित दर्जनो किसानों ने बताया कि हर बार मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना तहत फसलों का बीमा कराया जाता है। मगर संबंधित कर्मियों द्वारा सही ढंग से जांच और रिपोर्ट नही भेजे जाने से योजना का लाभ नही मिल पाता है। रवि मैसम में भी किसानों ने गेहुँ और आलू की बीमा कराये जाने की बात बताई है।


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