- सारण के 323 पंचायतों के बैँक खाते में आया 35.53 करोड़, रोक के बाद भी 50 पंचायतों में निकाली गई राशि
- पीएफएमएस से राशि निकासी करने के बजाय पंचायत सचिव व मुखिया ने संयुक्त हस्ताक्षर कर चेक से ही निकाल ली राशि
- कई प्रखंडों के बीडीओ ने नियम के विरूद्ध राशि निकासी किये जाने पर पंचायत सचिव से किया है शोकॉज
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। सबकी योजना सबका विकास यानी जीपीडीपी के तहत गांव के विकास के लिए पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर 15 वीं वित्त आयोग अंतर्गत टायड एवं अनटायड के योजनाओं को क्रियान्वित करने को लेकर पंचायती राज विभाग ने जिले के सभी पंचायतों के बैंक खाता में करीब 35.53 करोड़ रूपये भेजा है। राशि भेजने से पूर्व पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने पंचायत सचिव एवं मुखिया द्वारा चेक या नेफ्ट से राशि की निकासी करने पर रोक लगा दिया। और पीएफएमएस यानी पब्लिक फाइनेन्सियल मैनेजमेन्ट सिस्टम द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वित योजना का जियोटैगिंग करने के बाद भी रूपये की निकासी करने का निर्देश दिया है। इसके बाद विगत जिले के करीब 323 पंचायतों में 15 वित्त आयोग अंतर्गत टायड योजना के तहत दूसरे किस्त की राशि विगत 7 अप्रैल 2021 को करीब 35 करोड़ 53 लाख रूपये बैंक खाते में भेजा गया। इसकी जानकारी मुखिया एवं पंचायत सचिव को मिलते ही नियम के विरूद्ध 15 वीं वित्त आयोग अंतर्गत टायड के दूसरे किस्त की राशि की निकासी करना शुरू कर दिया। जानकारों की माने तो जिले में 50 से अधिक पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने टायड के दूसरे किस्त की राशि चेक के माध्यम से निकासी किया है एवं अन्य वेन्डर के खाते में भी एनईएफटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित कर दिया है। इसकी जानकारी पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को मिलने पर जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र भेजकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जिसमें मुख्य सचिव ने कहा है कि जिन कार्यालयों द्वारा गत 01 अप्रैल 2021 के उपरांत चेक, ड्राफ्ट या अन्य माध्यमों से 15 वें वित्त आयोग की अनुदानों की राशि का व्यय कया गया है वैसे ग्राम पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जाये।
मुखिया के दबाव में नियम के विरूद्ध हुई है राशि की निकासी
जिले के 50 से अधिक पंचायतों में नियम के विरूद्ध 15 वें वित्त आयोग की अनुदानों की राशि का व्यय करने वाले मुखिया एवं पंचायत सचिव पर अपर मुख्य सचिव ने एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इसके बाद पंचायतों के बैंक खाते से राशि निकासी करने वाले मुखिया एवं पंचायत सचिव में हड़कंप मचा हुआ है। सभी अपने-अपने तरीके से बचने को लेकर तरकिब ढुढ़ने लगे है। एक पंचायत सचिव ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि पंचायत के 15 वीं वित्त आयोग का बैंक खाता मुखिया एवं पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से खुला है और रूपये की निकासी भी मुखिया एवं पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ही होता है। उन्होंने कहा कि 15 वीं वित्त आयोग अंतर्गत टायड के दूसरे किस्त की राशि 7 अप्रैल 2021 को बैंक खाते में आया। जिसकी जानकारी मुखिया को हो गई। इस पर मुखिया द्वारा जबरन दबाव बनाकर अपने मनमुताबिक योजना का कार्य कराने के लिए रूपये की निकासी एवं कार्य एजेन्सी के बैंक खाता में नेफ्ट में माध्यम से हस्तांतरित करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि मुखिया राजनीतिक पद है और वे दबंग एवं रसूकदार होते है। अगर उनके कहे अनुसार काम नहीं करने पर अभद्र व्यवहार भी करते है। इसलिए पंचायत सचिव दबाव में आकर रूपये निकासी करने के लिए राजी हो जाते है। इसके बाद पंचायत सचिव पर वित्तीय अनियमितता का मामला चलने लगता है।
पंचायतों के बैंक खाते का रिपोर्ट अपडेट करने के क्रम में वित्तीय अनियमितता का हुआ खुलासा
जिले में पीएसएमएस यानी पब्लिक फाइनेन्सियल मैनेजमेन्ट सिस्टम पुरी तरह से लागू करने को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर पंचायत के बैंक खाता का अपडेट प्रतिवेदन के आधार पर ऑनलाइन प्रविष्टी की जा रही है। ताकि योजना के क्रियान्वयन के दौरान पीएफएमएस के माध्यम से राशि व्यय करने के दौरान पंचायत के बैंक खाता की राशि एवं व्यय की गई राशि में अंतर नहीं हो सके। इसी दौरान पंचायत के बैंक खाते में टायड के तहत भेजी गई राशि का अनियमित तरीके से व्यय किये जाने का मामले का खुलासा हुआ है। जिसकी सूचना वरीय पदाधिकारी का दी गई है। वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर जिस पंचायत के बैंक खाते से जब-जब राशि निकासी की गई है वैसे ही पोर्टल पर प्रविष्टी करने का निर्देश दिया गया है। ताकि नियम के विरूद्ध राशि की निकासी करने वाले पंचायत सचिव को चिन्हित कर कार्रवाई किया जा सके।
मुखिया व पंचायत सचिव पर हुआ एफआईआर तो बढ़ेगा विवाद
जिले के विभिन्न प्रखंडों के दर्जनों पंचायतों से 15 वें वित्त आयोग की अनुदानों की राशि को नियम के विरूद्ध व्यय किये जाने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। जानकारों की माने तो पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा एफआईआर कराने के निर्देश के बाद मुखिया एवं पंचायत सचिवों में बेचैनी देखी जा रही है। जिस पंचायत में राशि की निकासी की गई है, वहां के मुखिया एवं पंचायत सचिव में विवाद बढ़ रहा है। नियम के विरूद्ध रूपये निकासी को लेकर दोनों लोग एक-दूसरें पर आरोप-प्रत्यारोप करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पंचायतों का विकास भी प्रभावित हो सकता है।
50 से अधिक पंचायत सचिवों से हो चूका है शोकॉज
जिले के 323 पंचायतों में टायड के तहत राशि भेजे जाने के बाद पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने रूपये की निकासी पर रोक लगाते हुए कई दिशा-निर्देश दिये है। और पीएफएमएस के तहत क्रियान्वित योजना के लिए पीएफएमएस के माध्यम से राशि व्यय करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी जिले के करीब 10 से अधिक प्रखंड के 50 से अधिक पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव ने बैंक से राशि निकासी कर अपने मनमुताबिक व्यय कर दिया है। जिसकी जानकारी मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने संबंधित पंचायत सचिव से शोकॉज किया है। जानकारी के अनुसार जिले के बनियापुर, मढ़ौरा, अमनौर, नगरा, मांझी, गड़खा सहित करीब 10 से अधिक प्रखंडों के 50 से अधिक पंचायतों के बैंक खाते से राशि की निकासी की गई है।


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