राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले में गेहूं की कटनी करीब एक माह पहले ही समाप्त हो गई। जिले में किसानों से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर 21 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके आलोक में जिलाधिकारी नीलेश रामचन्द्र देवरे ने गत 10 मई को वीडियों कॉफ्रेंस के माध्यम से किसानों से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर आवश्यक निर्देश दिया है। जिसके आलोक में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी ने पैक्सों के माध्यम से गेहूं खरीदारी करने को लेकर कार्य कर रहे है। शुक्रवार को उप विकास आयुक्त ने जिले सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी से किसानों से तेजी से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सभी बीसीओ किसानों से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर काम करें। किसी भी सूरत में बहानेबाजी नहीं चलेगी। अगर किसी भी प्रखंड से अगर परिणाम अच्छा नहीं हुआ तो संबंधित पदाधिकारी एवं पैक्सों पर कार्रवाई की जाएगी। डीडीसी सभी प्रखंडों के बीसीओ से बारी-बारी से गेहूं खरीदारी के निर्धारित लक्ष्य के आलोक में समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि दरियापुर, लहलादपुर, सोनपुर सहित पांच प्रखंडों ने अभी तक गेहूं की खरीदारी शुरू नहीं की है। जिससे जिले का रैकिंग प्रदेश में काफी नीचे है। जानकारों की माने तो किसान अपने खेत-खलिहानों से गेहूं के फसल की दौनी कर उपज को घर लेकर चले गये। गेहूं सालों भर उपयोग करने वाली पैदावार है, इस सूरत में अधिकांश किसानों ने एक साल तक उपयोग करने योग्य गेहूं रखकर अपने पैदावार को बिचौलियों से औने-पौन भाव में बेच दिया है। जिला प्रशासन पैक्स एवं व्यापार मंडलों के माध्यम से जिले के निबंधिक किसानों से गेहूं की खरीदारी शुरू कर दिया है।
किसान सलाहकारों द्वारा चिन्हित किसानों से ही खरीदे जाएंगे गेहूं
जिले में किसानों से गेहूं की खरीदारी को लेकर जिला प्रशासन कार्रवाई तेज कर दिया है। किसानों से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर किसान सलाहकारों को भी टास्क दिया गया है। डीडीसी ने कहा कि किसान सलाहकारों की मदद से जिस किसानों से गेहूं की खरीदारी करने को लेकर चिन्हित किया गया है, उनका हर हाल में गेहूं की खरीदारी करना सुनिश्चित करें।
1975 रूपये प्रति क्विंलट की दर से गेहूं की होगी खरीदारी
किसानों से गेहूं की खरीदारी के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने करीब 1975 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। इसी मूल्य पर जिले के किसानों से गेहूं की खरीदारी की जाएगी। इसको लेकर डीसीओ से पुछे जाने पर बताया कि गेहूं खरीदारी को लेकर सारण में कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया है, अभी स्पष्ट नहीं है। विभागीय पत्र के अवलोकन करने के बाद हीं कुछ पता चल सकेगा।
सारण में 8129 किसानों ने फसल बेचने के लिए कराया है निबंधन
जिले में खरीफ और रबी फसलों को पैक्स या व्यापार मंडलों से बेचने के लिए प्रत्येक वर्ष सहकारिता विभाग के विभागीय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। जानकारी के अनुसार इस बार जिले में करीब 8129 किसानों ने अपने फसलों को बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। जानकारों की माने तो पिछले वर्ष जिले में खरीफ एवं रबी फसलों के उपज को बेचने के लिए करीब करीब 9 हजार 600 किसानों ने ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन इस बार किसान कम रजिस्ट्रेशन कराये है।
सामान्य किसानों से 150 व बटाईदारों से 50 क्विंटल लिए जाएंगे गेहूं
जिले में गेहूं खरीदारी को लेकर इस बार किसानों से न्यूनतम कितने क्विंटल गेहूं की खरीदारी की जानी है, इसकी सीमा निर्धारित कर दिया है। जानकारी के अनुसार समान्य किसानों से करीब 150 क्विंटल तथा बटाईदारों से करीब 50 क्विंटल तक गेहूं की खरीदारी की जा सकती है। वहीं गेहूं की खरीदारी के लिए सरकारी समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है।
गेहूं बेचने वाले किसानों के बैंक खाते में जाएंगी राशि
जिले के पैक्स व व्यापार मंडलों से गेहूं बेचने वाले किसानों के बैंक खाते में राशि भेजी जाएंगी। पैक्सों द्वारा किसानों से गेहूं की खरीदारी की रिपोर्ट देने के बाद ही उनके बैंक खाते पर राशि का हस्तांतरण किया जाएगा। बात दें कि जिले के करीब 8129 किसानों से पैक्स व व्यापार मंडल गेहूं की खरीदारी कर सकेंगे।
31 जुलाई तक होगी गेहूं खरीदारी
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने गेहूं की खरीदारी करने को लेकर तिथि निर्धारित कर दिया है। निर्धारित अवधि के दौरान ही गेहूं की खरीदारी करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। जानकारी के अनुसार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आगामी 20 अप्रैल से 31 जुलाई तक ही गेंहूं की खरीदारी करने का निर्देश दिया गया है।
सारण में पांच वर्षो से गेहूं की नहीं हुई है खरीदारी
सहकारिता विभाग द्वारा सारण में प्रत्येक वर्ष गेहूं अधिप्राप्ति के लिए निर्देश तो दिया जाता है। लेकिन उसे अक्षरश: पालन नहीं किया जाता है। विभागीय अफसरों की माने तो करीब चार-पांच वर्षो से जिले में गेहूं की खरीदारी तो किया जाता है, लेकिन पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा गेहूं की खरीदारी नहीं किया गया है। ऐसे में सहकारिता विभाग द्वारा गेहूं अधिप्राप्ति का निर्देश कार्यालय के फाइलों में धुल फांक रही है। जिससे जिले के किसान बचौलियों से औने-पौन दाम पर गेहूं बेच देते है। लेकिन इसबार जिले में गेहूं की खरीदारी की जा रही है।
पैक्सों को गेहूं खरीदारी में कमिशन नहीं मिलने पर है नाराज, नहीं ले रहे है रूचि
गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर विभाग के अनदेखी कहे या वरीय अफसरों के नीयत में खोट। विभाग द्वारा जिले में गेहूं अधिप्राप्ति करने वाले पैक्स व व्यापार मंडलों के कमिशन को अभी तक निर्धारित नहीं किया है। जिससे पैक्स व व्यापार मंडल में गेहूं की अधिप्राप्ति में अपनी रूची भी नहीं दिखाते है। सूत्रों की माने तो कुछ पैक्सों को कहना है कि आखिर किस ग्राउंड पर गेहूं की खरीदारी किया जाए। अगर गेहूं की खरीदारी शुरू भी कर दिया जाता है तो भविष्य में आर्थिक नुकसान होने की संभावना हो सकती है। ऐसे में विभाग के अफसर इसे हल करने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठा रहे है।


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