छपरा: गड़खा में शिक्षकों का हड़ताल समाप्त होते हीं योगदान करने को ले लॉकडाउन की उड़ी धज्जियां, क्वांरेंटाइन सेंटर में लिया गया योगदान
- क्वारेंटाइन सेंटर में दूसरे प्रदेशों के आये रह रहे है 80 लोग, संक्रमण से लोगों में दहशत
छपरा(सारण)। जिले में हड़ताल कर रहे नियोजित शिक्षकों का संघ के ऐलान के बाद हड़ताल समाप्त हो गया है। इसके बाद शिक्षकों को योगदान करे लिए प्रखंड के कदना स्थित बीआरसी पर शिक्षकों को बुलाकर योगदान कराया जाने लगा। जहां शिक्षकों ने योगदान करने को लेकर खुब आपाधापी की। कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के संक्रमण को कोई भी डर योगदान करने वाले शिक्षकों में नहीं दिख रहा था। सबसे आश्चर्य की बात तो है कि कदना मध्य विद्यालय में दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। जिसमें दूसरे प्रदेशों से आने वाले करीब 80 लोग रह रहे है। लेकिन कुछ रसूकदार शिक्षकों व विभागीय कर्मियों ने कोरोना संक्रमण की परवाह किये बगैर प्रखंड के करीब नौ सौ शिक्षकों को योगदान करने के लिए बुला लिया गया। शिक्षकों की भीड़ देख कुछ शिक्षक विरोध किये। लेकिन विभागीय कर्मी अपनी रसूक का हनक दिखा कर इन्हें चुप करा दिया। इसकी सूचना मिलते हीं गड़खा अंचलाधिकारी कदना मध्य विद्यालय स्थित बीआरसी यानी शिक्षकों के योगदान स्थल क्वारेंटाइन सेंटर पर पहूंच। इसके बाद शिक्षकों के भीड़ को हटाया। उन्होंने आनन-फानन में रामपुर लाल चौक स्थित मध्य विद्यालय में शिक्षकों को योगदान करने के लिये भेजा। फिर भी शिक्षकों ने योगदान करने को लेकर खुब आपाधापी की। इसको लेकर गांव के लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए शिक्षक एवं विभागीय कर्मियों के कार्यशैली की खुब निंदा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के इस कार्यशैली से कोरोना वायरस के भैलने का भय काफी सता रहा है। ऐसे लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। परंतु शिक्षक एवं विभागीय कर्मी किसी की एक न सुन अपने बहरेपन कार्यशैली को अपनाते हुए देर शाम तक सभी महिला-पुरूष शिक्षकों का योगदान कराया। ऐसे में सभी योगदान करने वाले शिक्षक भी दबे जुबान से विभागीय कार्यशैली की खुब निंदा कर रहे है और कोरोना के संक्रमण से दहशत में है। जानकारी के अनुसार शिक्षकों का हड़ताल समाप्त होने के बाद योगदान करने को लेकर कदना मध्य विद्यालय स्थित बीआरसी पर सभी शिक्षकों को बुलाया गया था। जिसे प्रखंड प्रशासन ने क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है। जिसमें दूसरे प्रदेशों से आये करीब 80 लोग रह रहे है। इसको लेकर बीआरसी यानी मध्य विद्यालय में योगदान करने गये शिक्षकों में कोरोना वायरस को लेकर भय व्याप्त हो गया है। बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस क्या कार्रवाई करती है। जिसे आम लोगों को समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
सीओ को सूचना मिलते हीं क्वारेंटाइन सेंटर को खाली कराया
प्रखंड के कदना स्थित मध्य विद्यालय यानी क्वारेंटाइन सेंटर में हीं हड़ताल समाप्त होने के बाद शिक्षकों का योगदान कराया जा रहा था। जहां शिक्षक योगदान करने को लेकर खुब आपाधापी कर रहे थे। इसकी सूचना मिलते हीं अंचलाधिकारी कदना मध्य विद्यालय सह क्वारेंटाइन सेंटर पहूंचे। जहां शिक्षा विभाग के कर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए मध्य विद्यालय रामपुर में शिक्षकों को योगदान करने का निर्देश दिया। वहीं अंचलाधिकारी लाउडस्पिकर से सभी शिक्षकों को मध्य विद्यालय सह क्वारेंटाइन सेंटर को अविलंब खाली करने का निर्देश दे रहे थे। लेकिन शिक्षक व विभागीय कर्मी एक सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद सीओ ने कहा कि अगर शिक्षक एवं विभागीय कर्मी विद्यालय को खाली नहीं करेंगे तो बल पूर्वक विद्यालय को खाली कराया जाएगा। जिस पर शिक्षक एवं विभागीय कर्मी विद्यालय को खाली किया। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। सीओ ने कहा कि विद्यालय परिसर स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में करीब 80 लोगों को रखा गया है। इस लिहाज से शिक्षकों का योगदान कराना सुरक्षित नहीं है।
रामपुर मध्य विद्यालय में कराया गया योगदान
गड़खा सीओ के निर्देश के बाद शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के कर्मी आनन-फानन में रामपुर स्थित मध्य विद्यालय में योगदान करने के लिए गये। जहां शिक्षक योगदान करने को लेकर खुब आपाधापी किया। शिक्षकों को यह रवैया देखकर आस-पास के ग्रामीणों में काफी आक्रोश एवं कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत व्याप्त हो गया है।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा