कोरोना के संकट में सरकार गरीब, मजदूर के साथ अपना रही है दोरंगी नीति: भाकपा माले
अमनौर(सारण)। गरीब मजदूरों के साथ सरकार अमानवीय व्यवहार कर रही है। कोरोना के इस संकट काल में कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिसको लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।मंगलवार को धरहरा गांव में सोशल डिस्टेंस के पालन करते हुए एक दिवसीय धरना पर बैठ सरकार के विरुद्ध प्रतिरोध दिवस मनाया। जिसका नेतृत्व भाकपा माले के सचिव जनार्धन शर्मा ने किया। इन्होंने सरकार से जबाब मांगी है की राशन कार्ड से वंचित लोगो को राशन क्यों नहीं दी जा रही है। मनरेगा कर्मियों को दो सौ दिन कार्य व पांच सौ रुपया मजदूरी देने की मांग की है। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रवासियों को उचित सुविधा बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि जो भी मजदूर इस काल मे मृत हुए है उनके परिजनों को सरकार 20 लाख रुपया दे। माले नेता बिजेंद्र मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार राहत पैकेज के नाम पर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। जो आने वाली पीढ़िया को बधुआ मजदूर बनाई जा सके तथा कुछ लोगों को लाभ पहुचाने में देश के लोकतंत्र को मिटाने में लगी हुई है। भाकपा माले के नेताओं मोदी सरकार को गरीब, मजदूर, दलित विरोधी बताया है। उक्त मौके पर जीवनन्दन राय, शौखी मांझी, मो इमामुदिन अंसारी, दिलीप राउत मुख्य रूप से शामिल थे।


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