राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कोरोना महामारी: मुफ्त अन्न योजना से दोहरा लाभ

राष्ट्रनायक न्यूज। कोरोना महामारी के चलते गरीबों की मदद करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की है कि देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम गेहूं/चावल के रूप में मुफ्त राशन देने की योजना अब नवंबर, 2021 तक जारी रहेगी। पिछले वर्ष महामारी के पहले दौर के दौरान यह योजना प्रारंभ की गई थी और इसे अप्रैल से नवंबर, 2020 के दौरान देश में सफलतापूर्वक चलाया गया था। इस योजना पर केंद्र सरकार को प्रतिमाह लगभग 12,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सहन करना होता है।

पिछले वर्ष कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, जिससे कुछ क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां पूर्णत: ठप पड़ गई थीं। लाखों की संख्या में श्रमिकों का शहरों से गांवों की ओर पलायन हुआ था। चूंकि लॉकडाउन के कारण यातायात के साधन भी उपलब्ध नहीं थे, इसलिए श्रमिक अपने परिवार के साथ मजबूरीवश पैदल अपने गांवों में पहुंचे थे। ऐसे कठिन समय में देश के गरीब वर्ग एवं विशेष रूप से इन श्रमिकों की सहायता  करने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को लागू किया गया था। इस वर्ष हालांकि पूरे देश में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है, परंतु कई प्रदेशों में कोरोना बीमारी की गंभीर स्थिति का आकलन करते हुए कुछ इलाकों में लॉकडाउन लगाया गया। लॉकडाउन का सबसे विपरीत प्रभाव गरीब वर्ग पर ही पड़ता है, एवं उनका रोजगार छिन जाता है। इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष भी उक्त योजना के अंतर्गत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, ताकि कोई भूखा न सोए।

ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 60 प्रतिशत आय गैर कृषि कार्यों अर्थात सेवा एवं लघु उद्योग क्षेत्रों से होती है, जो कि कोरोना महामारी के कारण बहुत ही विपरीत रूप से प्रभावित हुए हैं। दूसरे, श्रमिकों के पलायन एवं निर्माण तथा पर्यटन उद्योगों में कार्य के लगभग पूर्ण रूप से रुक जाने के कारण इन क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ी है, जिससे समस्या और भी गंभीर हुई है। ग्रामीण इलाकों में गैर कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय पर बहुत विपरीत असर पड़ा है एवं इस वर्ग के लोगों के लिए तो दो जून की रोटी जुटाना भी बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे गंभीर समय में 80 करोड़ लोगों को उक्त योजना के अंतर्गत अन्न उपलब्ध कराया जाना, ताकि इन लोगों के लिए कम से कम खाने की व्यवस्था हो सके, एक सराहनीय कदम माना जाना चाहिए। अत: केंद्र सरकार का यह निर्णय वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बहुत सही एवं स्वागतयोग्य है।

वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना महामारी से प्रभावित कई परिवारों के पास आय का कोई साधन नहीं होने से कोई बचत नहीं है, कोई रोजगार नहीं है, ऐसे में लोगों की मदद करने का यह सही समय है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अभी उपभोक्ता द्वारा अपने खर्च में वृद्धि करने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में इस प्रकार की योजनाएं सहायक सिद्ध हो सकती हैं। यह प्रथम सोपान है कि गरीब वर्ग को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। दूसरे सोपान में मुफ्त टीका दिया जा रहा है। जब देश में अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से खुल जाएगी, तो गरीब वर्ग के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होने लगेंगे। ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना भी अच्छी भूमिका निभा रही है, जिससे शहरों से गांवों की ओर पलायन करने वाले श्रमिक वर्ग के लिए यह लाभकार सिद्ध हुई है। भारत सरकार ने इस वर्ष किसानों से खाद्य पदार्थों की खरीद बहुत बड़े स्तर पर की है। इससे गरीब वर्ग को मुफ्त अनाज देने में मदद मिली है और इस तरह अतिरिक्त अनाज को खराब होने से बचाया भी जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बड़े स्तर पर की जा रही खरीद एवं कृषि पदार्थों के निर्यात के कारण किसानों के हाथों में सीधे पैसा पहुंच रहा है, जिससे किसानों की आय तेजी से बढ़ रही है एवं यह उनकी खर्च करने की क्षमता में हो रही वृद्धि से स्पष्ट है। कई बार गोदामों में रखे-रखे ही अनाज सड़ जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कारण इसका उपयोग हो सकेगा। इस कदम के कारण देश की अर्थव्यवस्था को सीधे ही लाभ हो रहा है।

You may have missed