- सुसज्जित व सुव्यवस्थित तरीके से जीने की कला ही योग है: प्रमोद
राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया/सारण। प्रखंड के भलुआ भिखारी गांव में सोमवार को विश्व योग दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में दर्जनों ग्रामीणों ने भाग लिया। योग प्रशिक्षक प्रमोद कुमार ने योग की महत्ता एवं उससे होने वाले फायदे को विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक रूप से योग का अर्थ होता है जोड़ना या बांधना। जिस प्रकार घोड़े को एक स्थान पर बांधकर इसकी चपलता को नष्ट कर दिया जाता है। उसी प्रकार योग मन की अस्त-व्यस्तता को दूर कर सहज एवं आनंद युक्त स्थिति को प्राप्त कराता है। योग जीवन को सुसज्जित एवं सुव्यवस्थित तरीके से जीने की कला है। इंद्रिय संयम, विचार संयम, वाणी संयम, अर्थ संयम और समय संयम के माध्यम से ऊर्जा का संग्रह का प्रचंड आत्मबल संपन्न बनाने की प्रक्रिया ही योग है। योग करके कई बिमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। वर्तमान परिवेश में इसकी महत्ता और बढ़ गई है। उन्होंने सूर्य-नमस्कार , मुक्तासन,भ्रमारी के साथ कई व्यायामों को उपस्थित ग्रामीणों के बीच करके दिखायाऔर बताया कि निरोगी काया के लिए योग कितना जरूरी है। योगाभ्यास में भाग लेने वालों में कुंदन सोनी, रामरीत प्रसाद, बीरेश राय, संतोष साह, चुन्नू कुमार, टुनटुन राय समेत अन्य लोगों का नाम शामिल है।
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