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अंधविश्वास के विरूद्ध भोजपुरी लोकगायक धीरज धर्मेन्द्र ने गया “कोरोना भइली मईया” गीत, बुद्धिजीवी वर्ग कर रहे है प्रशंसा

अंधविश्वास के विरूद्ध भोजपुरी लोकगायक धीरज धर्मेन्द्र ने गया “कोरोना भइली मईया” गीत, बुद्धिजीवी वर्ग कर रहे है प्रशंसा

छपरा (सारण)। अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भोजपुरी लोकगीतो का प्रचलन बढ़ने लगा है। ऐसे गीतों को बुद्धिजीवी वर्ग के लोग काफी पसंद कर रहे है। ऐसे हीं अंधविश्वास पर आधारित भोजपुरी लोकगीत प्रसिद्ध गायक धीरज धर्मेन्द्र ने गया है। जिसे लोग काफी पसंद कर रहे है एवं प्रशंसा भी कर रहे है। जानकारी के अनुसार लोकगायक धीरज धर्मेन्द्र ने कोरोना वायरस यानी कोविड-19 को लेकर फैले अंधविश्वास पर आधारित “कोरोना भइली मईया” गीत गाया है। जिसमें कुछ दिन पहले गंगा दशहरा के अवसर पर एक वायरल वीडियों को सच मानते हुए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को कोरोना मईया मानते हुए पूजा अर्चना की थी। जिस पर सारण के सिविल सर्जन डॉ. मधेश्वर झा ने कहा था कि कोरोना वायरस यानी कोविड-19 एक वायरक महामारी यानी भयानक बिमारी है, जिसके ईलाज के लिए अभी रिर्सच चल रहा है। इसमें कोई दैविक प्रकोप नहीं है। इसलिए सभी लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए सुरक्षित रहे, मास्क, सेनेटाइजर का प्रयोग करें। इसके बाद लोकगायक धीरज धर्मेन्द्र ने गीत के माध्यम से अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। लोकगायक ने राष्ट्रनायक प्रतिनिधि को बताया कि इससे पहले संविधान निर्माता एवं आधुनिक भारत के शिल्पकार बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर आधारित गीतों को गाकर समाज में फैले भेदभाव एवं कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दर्जनों गीत गाये है। इससे समाज में बदलाव देखने को मिल रहा है। लोग जागरूक भी हो रहे है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में अश्लील गीतों की भरमार है, जिसका विरोध होना चाहिए। साथ ही भोजपुरी के अन्य लोकगायकों से अपील किया कि गीतों में अश्लीलता का त्याग होना चाहिए एवं समाज में व्यव्त कुरीतियों को मिटाने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से भी गीत को प्रस्तुत किया जाये। ताकि समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों में जागरूकता आ सके।

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