बाढ़: प्रखंड के नवादा पंचायत पहुंचकर जैविक खेती करने वाले सब्जी किसानों से शनिवार के दिन बिहार कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ एन सरवन ने मुलाकात की। उनके खेतों तक पहुंच कर फसल का हाल जाना एवं जैविक खाद बनाने वाले उपकरण का भी जायजा लिया।प्रधान सचिव के नवादा गांव और कृषि विज्ञान केंद्र का जायजा लेने के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी राकेश रंजन कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ कुमारी शारदा आत्मा के परियोजना निदेशक श्याम बिहारी सिंह उपनिदेशक बृजेंद्र मनी जेडीए पटना उमेश प्रसाद मंडल कृषि वैज्ञानिक मेनाल वर्मा बृजेश पटेल प्रयोग सहायक डॉ प्रकाश चंद्र गुप्ता केएनपीजी नियाज अहमद सहायक जयंत प्रसाद श्वेता प्रिया सौम्या सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।डॉ0 सरवन ने किसानों से मिलने के बाद अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचकर सेंटर का जायजा लिया और वैज्ञानिकों के साथ बैठकर आवश्यक जानकारी भी ली। डॉक्टर सरवन ने बताया कि बिहार के 13 जिला को जैविक खेती करने के लिए चुना गया है। जल जीवन हरियाली योजना एक महत्वकांक्षी योजना है। इसके तहत गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए गंगा नदी के किनारे खेती करने वाले किसानों का चयन किया गया है। जिस पंचायत के किसानों के द्वारा जैविक खेती किया जाता है। उन किसानों को प्रति वर्ष 1 एकड़ खेती करने पर 11500 अनुदान भी दिया जाता है जिसके चलते खेती के हालात भी बदले हैं। जैविक खेती से एक तो जमीन का उर्वरता बरकरार रहती है।वही उत्पादन किए गए सब्जी या फसल लोगों के लिए सेहतमंद होता है जैविक खेती से गंगा नदी भी प्रदूषित नहीं होती है। सरकार की यह योजना आज मील का पत्थर साबित हो रहा है। नवादा पंचायत के किसान ने बेहतर प्रदर्शन करने का काम किया है।


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