- आवश्यक तैयारियों के लिए कार्यपालक निदेशक ने दिये सीएस को जरूरी निर्देश:
- जिला औषधि भंडार में आवश्यक दवाइयों को बफर स्टॉक में रखने के लिए कहा:
- दवाइयों में एंटी—स्नैक व रैबिज सहित ओआरएस, जिंक, ब्लीचिंग व चूना शामिल:
राष्ट्रनायक न्यूज।
गया (बिहार)। जिला में कोविड संक्रमण की रोकथाम के साथ संभावित बाढ़ व जलजमाव से जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी में जुटा है। समुचित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा आवश्यक औषधियों की निरंतर उपलब्धता बनाये रखने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिये हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य में संभावित बाढ़ एवं उसके कारण जानमाल की क्षति के अलावा जलजनित रोग या महामारी फैलने की संभावना के मद्देनजर उसके रोकथाम के लिए पूर्व से ही प्रभावकारी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है, ताकि संभावित बाढ़ से उत्पन्न जलजनित बीमारियों एवं आकस्मिकता या आपात स्थिति में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों का समुचित उपचार ससमय किया जा सके।
सीएस आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें:
पत्र में संभावित बाढ़ या जलजमाव से उत्पन्न जलजनित बीमारियों व दस्त आदि की रोकथाम के लिए आवश्यक ओषिधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश देते हुए जिला औषधि भंडार में बफर स्टॉक के साथ प्रत्येक प्रखंड में बाढ़ से पूर्व आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इनमें जिला औषधि भंडार में सर्पदंश के इलाज के लिए 1000 वाइल्स इंजेक्शन, 750 वाइल्स एंटी रैबिज वैक्सीन, 50,000 ओआरएस पैकेट, 30,000 जिंक टैबलेट, 50,000 हेलाजोन टैबलेट, 500 पैकेट ब्लीचिंग पाउडर तथा चूना पाउडर 1500 पैकेट बफर स्टॉक के रूप में रखने के लिए कहा गया है।
ब्लीचिंक व चूना खपत के आकलन का दिया निर्देश:
सभी सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि अपने क्षेत्रांगर्त बाढ़ प्रभावित प्रखंडों, पंचायतों के आधार पर ब्लीचिंग पाउडर एवं चूना की खपत का आकलन करेंगे। सभी सामग्रियों का वितरण संबंधित प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से क्षेत्र की एएनएम, आशा, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका के सक्रिय सदस्य, विकास मित्र आदि का दल गठित कर उन्हें हस्तगत कराया जाये एवं इन सामग्रियों के प्राप्ति रसीद भी लिया जाये। छिड़काव कार्य की निगरानी के लिए गठित समिति के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका सदस्य, विकास मित्र के अलावा वर्तमान मुखिया तथा सभी वार्ड सदस्य शामिल होंगे। साथ ही बाढ़ एवं उससे उत्पन्न जलजनित महामारी की रोकथाम के दौरान कोविड 19 के संक्रमण से बचाव के भी समुचित उपाय किये जाएं तथा इसके प्रबंधन में सुरक्षात्मक किट्स तथा प्रतिरक्षक सामग्रियों का समुचित रूप से सदुपयोग सुनिश्चित किये जाने के लिए कहा है।


More Stories
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
भू-सम्पदा अधिनियम का उलंघन करने वाले प्रमोटर्स की पहचान कर रेरा ने लगाया जुर्माना, प्रोजेक्ट के ज़मीन की रजिस्ट्री एवं दाखिल ख़ारिज पर भी रोक
बिहार में डोमिसाइल नीति लागू, बिहार से मैट्रिक या इंटरमीडिएट करने वाले युवाओं को शिक्षक नियुक्ति में रिक्त पदों के 40 फीसद पदों पर हीं लागू होगा डोमिसाइल