संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। लगातार हो रही बारिस के बीच जलनिकासी का मार्ग अवरुद्ध होने से बिगत एक पखवाड़े से विद्यालय परिसर पूरी तरह से जलमग्न है। जिस वजह से विद्यालय तक आने-जाने में शिक्षकों एवं स्थानीय लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मामला प्रखण्ड मुख्यालय के समीप एनएच 331 स्थित प्राथमिक विद्यालय कन्हौली का है। रुक-रुक कर हो रही मॉनसूनी बारिस की वजह से विद्यालय परिसर की स्थिति दिन-प्रतिदिन और बिकराल होती जा रही है।स्थानीय लोगों ने बताया कि बिगत एक पखवाड़े से विद्यालय परिसर में जलजमाव की स्थिति कायम है। जहाँ घुटने भर से ज्यादा पानी लगा हुआ है। मगर विभागीय स्तर पर अबतक कोई पहल नही की गई। जबकि इसी मार्ग से वरीय से लेकर कनीय पदाधिकारियों का आना-जाना होता है। फिलवक्त कोविड 19 की वजह से सरकारी स्तर पर जारी निर्देशानुसार विद्यालय में पठन-पाठन बंद है। विद्यालय के शिक्षक कमरूदीन गौसी ने बताया की जलजमाव को लेकर विद्यालय परिसर में सांप, बिच्छु और अन्य वरसाती जलीय जीव रेंगते नजर आ रहे है। जिससे हर समय किसी अप्रिय घटना को लेकर भय का माहौल बना रहता है। विद्यालय परिसर के समीप स्थित ग्रामीणों ने बताया कि आम तौर पर बाढ़ और आपदा के समय विद्यालय को सुरक्षित स्थल मानकर लोगो को वहाँ ठहरने की सलाह दी जाती है। मगर वरसात के शुरूआती दौड़ में ही विद्यालय स्थल खुद असुरक्षित हो गया है। जबकि अभी पूरी वरसात ही बाकी है।अगर यही स्थिति कायम रही तो आने वाले दिनों ने शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
जलजमाव का क्या है,कारण
विद्यालय परिसर के आस-पास अवस्थित ग्रामीण और अभिभावक बाबूलाल राय, लक्ष्मण राय, मुन्नी देवी, देवन्ती देवी, राजेश राय सहित दर्जनों ग्रामिणो ने बताया की विद्यालय परिसर से सटे सड़क के किनारे वाले खाँड़ को निजी लाभ हेतु कई लोगो द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है। जिससे जल निकासी का मार्ग बंद हो गया है।जलनिकास नहीं होने से विद्यालय परिसर जलमग्न हो गया है,जहाँ आने वाले कई दिनों तक पानी जमे रहने की संभावना प्रबल हो गई। कही वारिस इसी से तरह होती रही तो पठन- पाठन भी बाधित होने की संभावना प्रबल हो गई है।इधर जलजमाव की वजह से कचड़ा एवं अन्य सामग्री के सड़ने से दुर्गंध भी निकल रही है। जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक बताया जा रहा है।
विभागीय स्तर पर भी बरती जा रही है,लापरवाही
शिक्षको और अभिभावको की माने तो बिगत तीन वर्षो से बरसात के दिनों में विद्यालय परिसर में जलजमाव की ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। जिसकी सूचना बिभागिये कार्यालय से लेकर प्रखण्ड के वरीय पदाधिकारी तक को दी गई है। बावजूद इसके अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जबकि मनरेगा के तहत भी विद्यालय परिसर में मिट्टी भराई का प्रवधान है। मगर विद्यालय परिसर में मिट्टी भराई को लेकर न तो बिभागिये स्तर पर कोई कदम उठाया गया नही ही स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा रूचि दिखाई गई।जिसका खमियाजा प्रति वर्ष शिक्षको और छात्रो को भुगतना पड़ता है।
क्या कहती है एचएम
इस संबंध में एचएम मंजू कुमारी ने बताया की जल निकासी का मार्ग अवरुद्ध होने से जलजमाव के बिच जलीय जीवो के सक्रीय होने से विद्यालय परिसर में भय का माहौल व्याप्त है। घुटने तक पानी को पार कर शिक्षको को विद्यालय तक आने-जाने मे काफी परेशानी हो रही है। मामले की लिखित सूचना पूर्व मे बीआरसी कार्यालय और प्रखण्ड कार्यालय में दी गई थी। मगर अबतक कोई कारगर पहल नही की गई।
क्या कहते है,ग्रामीण
कन्हौली संग्राम के बाबूलाल राय का कहना है कि बिगत एक पखवाडे से विद्यालय परिसर में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जबकि लगातर हो रही बारिस से विद्यालय परिसर की स्थिति बद से बदतर हो गई है। जलजमाव का मुख्य कारण विद्यालय के समीप ही सड़क के किनारे के खाँड़ (जलनिकासी का मार्ग) को बेतरतीब ढंग से मिट्टी भराई कर अवरुद्ध करना है। वहीं स्कूल में पदास्थापित रसोईया का कहना है कि जलजमाव की भयावह स्थिति को देखते हुए अभिभावक और शिक्षक दोनों चिंतित है। विद्यालय परिसर में जलजमाव को लेकर बाहरी कचड़ो के प्रवेश होने से बदबू आ रही है। जलनिकासी का मार्ग अवरुद्ध होने और रुक-रुक कर हो रही वारिस से अगले कुछ दिनों तक स्थिति ऐसी ही बने रहने की संभावना है।


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