नई दिल्ली, (एजेंसी)। तालिबान ने चेतावनी दी है कि सितंबर की समय सीमा के बाद अफगानिस्तान में रहने वाले विदेशी सैनिकों के लिए खतरा बढ़ सकता है। लगभग 20 सालों के बाद, अमेरिकी सेना ने राजधानी काबुल के उत्तर में बगराम एयरफील्ड को छोड़ दिया है। वहीं जैसे ही सैनिक देश छोड़ रहे हैं वैसे ही तालिबान ने अफगानिस्तान में अफगान बलों से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।तालिबान अब अफगानिस्तान के सभी 421 जिलों में से एक तिहाई को
नियंत्रित कर रहा है। उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रांत के एक परिषद सदस्य मोहिब-उल रहमान ने कहा कि तीन दिनों में 10 जिले तालिबान के कब्जें में आ गए है।गौरतलब है कि,अप्रैल के मध्य में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन द्वारा अफगानिस्तान के हमेशा के लिए युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी। जिसके बाद,अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यह कहने से इनकार कर दिया कि अमेरिकी सैनिक कब देश छोड़ेंगे।राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिकी सैनिकों और उनके अनुमानित 7,000 नाटो सहयोगियों के देश छोड़ने के लिए 11 सितंबर जोकि 9/11 हमलों की 20 वीं वर्षगांठ है कि समय सीमा निर्धारित की थी।
हालांकि, शुक्रवार को बगराम एयरफील्ड से सैनिकों की वापसी ने संकेत दे दिया है कि देश से विदेशी बलों की पूरी तरह से वापसी आसन्न है। बता दें कि तालिबान ने धमकी देते हुए कहा कि, वापसी पूरी होने के बाद कोई भी विदेशी सेना अफगानिस्तान में नहीं रहनी चाहिए। तालिबानियों के मुताबिक, अगर अमेरिकी दोहा समझौते के खिलाफ अपनी सेना को पीछे छोड़ देते हैं तो अंजाम बुरा हो सकता है।इस समझौते के मुताबिक, राजनयिकों और गैर सरकारी संगठनों को तालिबान द्वारा निशाना नहीं बनाया जाएगा। वहीं अफगानिस्तान में अमेरिका के शीर्ष कमांडर जनरल आॅस्टिन मिलर ने चेतावनी दी थी कि निरंतर हिंसा से अफगानिस्तान में गृह युद्ध का खतरा बढ़ सकता है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में 3,500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सैनिक मारे जा चुके है।
तालिबान का नया फरमान जारी: बता दें कि तालिबान ने इलाकों पर कब्जा करते ही नए कानून लागू करने का फैसला लिया है जिसके मुताबिक घर की कोई भी महिला अकेले बाहर नहीं निकल सकती है वहीं मर्दों के लिए बड़ी दाढ़ी रखने का फरमना जारी कर दिया गया है।
नागरिकों में मची अफरा-तफरी: उत्तरी अफगानिस्तान में अफगान सैनिकों के मोर्चा छोड़कर भागने के बाद वहां तालिबान की गतिविधियां तेज हो गयी हैं और रातों-रात उसने कई जिलों पर अपना नियंत्रण कर लिया है जिसके कारण वहां के नागरिकों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया है। कई लोग अपना सामान लेकर कहीं और पलायन करने के लिए भाग रहे है वहीं तालिबानी लोगों को काम करने से भी रोक रही है। जो लोग इलाके छोड़कर कहीं और जा भी रहे है तो उनपर तालिबानी हमला कर रहे है। न केवल आम नागरिक बल्कि ज्यादातर अधिकारी और सासंद भी इलाकों से भाग रहे है।हालांकि, बादख्शान के गवर्नर अहमद समिम ने इन खबरों को गलत बताया है।
अफगान सैनिक सीमा पार करके जा रहे ताजिकिस्तान: अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सैकड़ों की संख्या में अफगान सैनिक सीमा पार करके ताजिकिस्तान में चले गए हैं। ताजिकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर स्टेट कमेटी द्वारा जारी बयान के अनुसार, तालिबान लड़ाकों के सीमा की ओर बढ़ने के बीच 300 से ज्यादा अफगान सैनिकों ने अफगानिस्तान के बड़ाखशान प्रांत से देश की सीमा में प्रवेश किया। अफगान सैनिकों ने स्थानीय समयानुसार शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे सीमा पार की। बयान के अनुसार, ‘‘मानवता और अच्छे पड़ोसी होने के सिद्धांत से प्रेरित होकर’’ ताजिक अधिकारियों ने पीछे हट रहे अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्सेज को ताजिकिस्तान की सीमा में प्रवेश करने दिया।


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