पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
मशरक (सारण)। प्रखंड के बाजार क्षेत्र समेत ग्रामीण इलाकों के लोगों को त्वरित स्वास्थ्य लाभ देने के लिए खोले गए अस्पतालों के कर्मचारियों की संवेदनहीनता मरीजों पर भारी पड़ रही है। अस्पताल में डाक्टरों के उपलब्ध होने के बावजूद घायल तड़पने को मजबूर हैं। मंगलवार को मशरक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बुलेट और ऑटो की आमने-सामने भिड़ंत में तीन घायलों को दुमदुमा मंदिर के सामने दूध बेचने वाले युवक ने घायलों को ऑटो मे लादकर पीएचसी में इलाज के लिए लाया पर घायल युवक अस्पताल गेट पर ऑटो में उतारने के अभाव में तड़पते रहा लेकिन किसी भी कर्मचारी ने उसे उतारने तक जहमत नहीं दिखाई पड़े। युवक के द्वारा आरजू विनती करने पर पीएचसी आउटसोर्सिंग के कर्मचारी रूपेश तिवारी और बंगरा मुखिया प्रत्याशी रंजन कुमार सिंह ने गार्ड और रजिस्ट्रेशन काउंटर स्टाफ की मदद से घायल को उतार बेड पर रखा और घायलों का प्राथमिक उपचार हो सका। मामलेे में आपकों बता दें कि क्षेत्रीय विधायक केदारनाथ सिंह ने कोरोना वैक्सीन लेने के दौरान पीएचसी का निरीक्षण किया था उन्होंने उस वक्त बेहतर इलाज और समय पर डाक्टरों की उपलब्धता रहने का भरोसा दिलाया था। लेकिन उनके कुछ समस्याओं पर दावे फेल नजर आ रहे हैं।वही महाराजगंज भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तों पीएचसी में स्वास्थ्य सेवा के मामलेे में तों पूरी तरह फेल हैं उनसे दर्जनों बार सड़क दुघर्टना में घायलों के इलाज के लिए एक टार्मा सेन्टर और एक एम्बुलेंस की मांग की गई पर वे इस मुद्दे पर पूरी तरह फेल रहें। डाक्टरों की संवेदनहीनता से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बेपटरी हैं। पीएचसी में चिकित्सकों समेत स्वास्थ्य कर्मचारियों का घोर अभाव हैं वही महिला चिकित्सक का पद पिछले वर्ष से खाली पड़ा है। पीएचसी में एक एम्बुलेंस सेवा हैं तो गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों से लाने और वापस घर तक छोड़ने में ही व्यस्त रहता है।


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