राष्ट्रनायक न्यूज।
परसा (सारण)। प्रखंड के कई इलाकों में इस साल मई महीने से ही लगातार हो रही बारिश से मक्का और अरहर की खेती नहीं हो पाई है। जिससे परसा की भेल्दी, परसा, मथुरा, शोभे परसा, चांदपुरा के डीह व बलुई मिट्टी वाले ऊपरी इलाकों के खेतों में खर-पतवार काफी उग आए हैं।अब ये खेत अभी खेत पशुओं के चारागाह के रूप में उपयोग हो रहे हैं। कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसाए प्रखंड के 1500 हेक्टेयर एरिया में मक्का व अरहर की फसलें लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मानसून शुरू होने के साथ ही जून से ही लगातार बारिश शुरू हुई। जिस कारण डीह व ऊपरी इलाके क्या घरारी के खेतों में भी मक्का अरहर की बुआई के लिए खेत की जुताई का समय ही नहीं मिल सका। शोभे परसा के किसानों ने विशाल सिंह, चंदू सिंह, मरई मियां, सुरेंद्र सिंह, बीरेन्द्र सिंह, महेशी महतो, योगेंद्र सिंह, रामशंकर साह सहित कई ने बताया कि पिछले साल बाढ़ का पानी ऊपरी इलाकों में चढ़ गया तो इस बार जून माह के शुरू से ही लगातार बारिश होने के कारण खेत जुताई के लिए जमीन फरहर ही नहीं हो पाया। ऊपरी इलाकों में कुछ मूंग की खेती भी की गई थी। लेकिन अधिक पानी लगने से खेत में ही मूंग गलकर सड़ गई।उक्त खेत खलोर भी नहीं की उसमें धान की फसलें लगाई जाए।खेत की जुताई नहीं होने व लगातार बारिश होने से डीह व घरारी का ऊपरी इलाके के क्षेत्रों में पूरी तरह हरी घास उपज गए हैं। जिसमें सुबह-शाम गाय,भैस व बकरियों के लिए यह स्थल चारागाह साबित हो रहा हैं।लगातार दो वर्ष मक्के व अरहर की खेती नहीं होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी है लेकिन इन किसानों की पीड़ा कौन सुने?


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