नयी दिल्ली, (एजेंसी)। राज्यसभा ने विभिन्न विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच मंगलवार को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। यह विधेयक कानून बनने के बाद इससे संबंधित एक अध्यादेश का स्थान लेगा। सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया। सदन में शोरगुल के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक से मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) को राहत मिलेगी जो कोविड-19 महामारी के बाद काफी प्रभावित हुआ है।
सदन में हो रहे हंगामे की भर्त्सना करते हुए उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से एमएसएमई क्षेत्र को जरूरी मदद मिल सकेगी। लोकसभा में यह विधेयक 28 जुलाई को पारित हुआ था। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021, चार अप्रैल 2021 से प्रभावी हो गया था। इसके तहत छोटे और मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को पहले से तैयार व्यवस्था (प्री पैकेज्ड) के तहत दिवाला निपटान प्रक्रिया की सुविधा मिल गई है।
इसके तहत अधिकृत प्रतिनिधि की पहचान और चयन, सार्वजनिक घोषणा और संबंधित पक्ष के दावे, मसौदे की जानकारी, कर्जदाता और कर्जदाता समिति की बैठक करने, विवाद निपटान योजना का आमंत्रण, मूल विवाद निपटान और सबसे अच्छे विवाद निपटान के बीच प्रतिस्पर्धा तथा कॉरपोरेट कर्जदार के साथ विवाद निपटान पेशेवरों के साथ प्रबंधन जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत सभी प्रस्तावों की योजनाएं राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के तहत मंजूर होना जरूरी है।


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