राष्ट्रनायक न्यूज।
पित्ताशय में पथरी की समस्या आज के समय में बेहद आम है और इसे पित्त की पथरी भी कहा जाता है। आमतौर पर पित्त की पथरी दो कारणों से बनती है। सबसे पहले जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है तो वह बाद में पथरी में बदल जाता है। इसके अलावा अतिरिक्त बिलीरुबिन से भी पित्त की पथरी बनती है। इसका अगर समय रहते उपचार ना किया जाए तो यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। यूं तो पित्त की पथरी के इलाज के लिए आॅपरेशन करवाने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर आप आॅपरेशन नहीं करवाना चाहते हैं तो ऐसे में कुछ नेचुरल तरीकों से भी पित्ताशय की पथरी का इलाज कर सकते हैं-
कैस्टर ऑयल पैक: अगर पित्ताशय की पथरी के कारण आपको काफी दर्द हो रहा है तो ऐसे में यह उपचार यकीनन आपके बेहद काम आएगा। इसके लिए एक कपड़े को कैस्टर ऑयल में भिगोकर पेट पर रखा जाता है। यह प्राचीन चीनी उपचारों में से एक है। हालांकि, यहां आपको यह भी ध्यान रखना है कि यह प्रक्रिया आपको केवल तत्काल राहत प्रदान करती है, इससे आपको स्थायी समाधान नहीं मिलता।
योग और स्ट्रेचिंग: योगा एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना योगाभ्यास करने से पित्त पथरी बनने के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है और मधुमेह वाले लोगों के लिपिड प्रोफाइल में सुधार होता है। योग आसन आपके शरीर से पित्ताशय की पथरी को स्वाभाविक रूप से शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।
सेब का रस: वैज्ञानिक शोध के अनुसार यदि एक व्यक्ति प्रतिदिन सेब के रस का सेवन करे तो इससे पित्त की पथरी बनने के जोखिम कारकों को काफी कम किया जा सकता है। सेब का रस पित्त पथरी को नरम करके उसे आसानी से बाहर निकलने में मदद करता है। सेब का रस पीना आपकी छोटी आंत के लिए भी फायदेमंद है, पेट के अल्सर को ठीक करता है और मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, आपको जरूरत से ज्यादा सेब के रस का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
लिसिमैचिया हर्बा: लिसिमैचिया हर्बा पित्त पथरी के लिए एक लोकप्रिय पारंपरिक चीनी उपाय है। इतना ही नहीं, शोध से भी इस बात का पता चला है कि यह कोलेस्ट्रॉल पित्त पथरी के इलाज या रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है। मार्केट में आपको यह पाउडर व लिक्विड रूप में मिल जाएगा।
मिताली जैन
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