राष्ट्रनायक प्रतिनिधि
गड़खा (सारण)। राष्ट्रीय सहयोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा जातिगत जनगणना के मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इक्कीसवीं सदी के भारत की आवश्यकता जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की है, न कि जाने- अनजाने में उसे बढ़ावा देने की। जातिगत जनगणना से जाति आधारित राजनीति को बल मिलेगा साथ ही सामाजिक समरसता का माहौल दूषित होगा और देश को लाभ कम, नुकसान ज्यादा होगा। डॉ वर्मा ने कहा है कि विकसित भारत का सपना साकार करने हेतु जातिगत विभाजन और आपसी वैमनस्य को खत्म करना होगा। डॉ वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जातिगत जनगणना बाबा साहब अंबेदकर की जाति विहीन समाज की परिकल्पना के विचार के खिलाफ है। इससे सामाजिक सद्भाव बनाने के प्रयास कमजोर होंगे । स्वतंत्र भारत के दूरदर्शी राजनेताओं का लक्ष्य भी जाति विहीन समाज का निर्माण कर राष्ट्रीय एकता को अक्षुण्ण रखना था। डॉ वर्मा ने कहा है कि जाति के मुद्दे पर होती राजनीति तथा राजनीतिक दलों का स्वार्थपूर्ण व्यवहार लोकतंत्र के लिए अहितकर है। सत्ता के लोभ में जातिगत जनगणना से मिले आकड़ो का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जाएगा जो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है जिसका दूरगामी परिणाम देश हित में नहीं होगा। डॉ वर्मा ने कहा है कि जाति की राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों के समक्ष यदि सरकार झुक जाती है तथा जाति आधारित जनगणना कराई जाती है तो इसका परिणाम देश हित में नहीं होगा। जाति के नाम पर देश में फिर से एक नया विवाद शुरू होगा और विकास की गति धीमी हो जाएगी तथा देश कई दशक पीछे चला जाएगा।


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