राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

चीनी राष्ट्रवादियों को गोल्ड मेडल से कम मंजूर नहीं, पिछड़ने वाले खिलाड़ियों को बताया जा रहा देशद्रोही

नई दिल्ली, (एजेंसी)। टोक्यो ओलंपिक की पदक तालिका को देखें तो चीन सबसे ऊपर है। चीन के खिलाड़ी ओलंपिक हो या फिर कोई और खेल का आयोजन, हर जगह अपनी क्षमता के अनुरूप शानदार प्रदर्शन करते हैं। यह बात भी सच है कि चीनी एथलीटों पर प्रदर्शन का ज्यादा दबाव में नहीं रहा है। लेकिन वर्तमान में वहां की स्थिति बदली हुई है। गोल्ड की रेस में पिछड़ने वाले खिलाड़ियों को अब देशद्रोही के रूप में देखा जा रहा है। हाल में ही टोक्यो ओलंपिक में जब चीन की मिक्स डबल टीम ने टेबल टेनिस में रजत जीता तब भी वहां के लोगों में निराशा देखने को मिली। आपको बता दें कि आपको बता दें कि टेबल टेनिस में चीन की खिलाड़ी लिउ शाइवेन और शू शिन का मुकाबला जापान से था।

हार के बाद आंखों में आंसू भर कर चीन की जनता से माफी मांगते हुए लिउ शाइवेन कहा कि ऐसा लगता है कि मैंने टीम का सिर नीचा किया है। इसलिए मैं माफी मांगता हूं। जबकि शू शिन ने कहा कि पूरे देश की नजर फाइनल पर थी। मुझे लगता है वह चीनी टीम से यह रिजल्ट स्वीकार नहीं कर सकते। चीनी टीम को फाइनल मुकाबले में जापान से मिली हार के बाद चीन के लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जाहिर की। सोशल मीडिया पर यह तक कहा जाने लगा कि मिक्स डबल की जोड़ी ने देश का सिर नीचा किया है। कई लोगों ने तो रेफरी पर भी आरोप लगा दिया और कहा कि उनका झुकाव जापान की ओर था और उसी के पक्ष में फैसला सुनाया गया। लेकिन खिलाड़ियों की आलोचना में साफ तौर पर चीन में इन दिनों प्रखर राष्ट्रवाद की शोर सुनाई देने लगी है। खेल की उपलब्धि से ज्यादा वहां के लोगों के लिए गोल्ड मेडल महत्वपूर्ण बन गया है।

विशेषज्ञों ने न्यूज वेबसाइट से बातचीत में बताया कि अति राष्ट्रवादी चीनियों के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल मिस करने का मतलब ही है कि वह देशभक्त नहीं है। इस संदर्भ में देखा जाए तो आगर चीन का कोई खिलाड़ी दूसरे देश की टीम से हार जाता है तो उसका मतलब मान लिया लिया जाता है कि उसने देश का सिर नीचा किया है और उसने देश को धोखा दिया है। टेबल टेनिस मुकाबले में जापान से मिली हार के बाद लोगों में गुस्सा भी देखा गया। इस गुस्से का कारण चीन और जापान के बीच हाल के संबंध है। दोनों देशों के संबंध उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं। 1931 से लेकर चीन और जापान के बीच लगातार रिश्तो में कड़वाहट रही है। यही कारण है कि टेबल टेनिस का यह मुकाबला राष्ट्रवादियों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं था। मैच का नतीजा आते ही चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विवो पर जापान के विरोध में लोगों की भावनाएं निकलने लगी और लोगों ने हार के बाद अपने ही खिलाड़ियों को भला-बुरा कहा।

You may have missed