नयी दिल्ली, (एजेंसी)। सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा को सूचित किया कि राज्यों में विद्युत वितरण का निजीकरण करने का निर्णय संबंधित राज्य सरकारों द्वारा लिया जाता है जबकि आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत संघ राज्य क्षेत्रों में केंद्र सरकार ने विद्युत विभागों और विद्युत वितरण संस्थाओं के निजीकरण की घोषणा की है। विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने सौगत रॉय के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य रॉय ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में विद्युत वितरण के काम का निजीकरण करने की योजना है।
उत्तर में मंत्री ने कहा कि बिजली समवर्ती सूची का विषय है और राज्यों में बिजली का वितरण आमतौर पर राज्य वितरण उद्यमों द्वारा किया जाता है। इसलिए राज्यों में विद्युत वितरण का निजीकरण करने का निर्णय संबंधित राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत केंद्रशासित प्रदेशों में विद्युत विभागों और विद्युत वितरण संस्थाओं के निजीकरण की घोषणा की है। यह विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय दक्षता में सुधार के साथ उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किया जाता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रशासित प्रदेशों ने उनके विद्युत वितरण के काम का निजीकरण करने के लिए कदम उठाये हैं।


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